Pesticides : चाहे हमें खरपतवारनाशी का छिड़काव करना हो या कीटनाशी का अगर हम कुछ सुरक्षा उपायों को अपनाएं तो खुद और दूसरों को इस के दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं.
जिस भी खरपतवारनाशी या कीटनाशी (Pesticides) का प्रयोग करें उस का संपूर्ण विवरण लिख कर रख लें. बचे हुए खरपतवार नाशी या कीटनाशी की शेष मात्रा को सुरक्षित स्थान पर भंडारित कर दें. पंप को अच्छी तरह से साफ कर के सुरक्षित स्थान पर रखें.
खरपतवारनाशी या कीटनाशी (Pesticides) के छिड़काव के बाद अच्छी तरह से स्नान कर के दूसरे वस्त्र पहनें. खरपतवारनाशी या कीटनाशी छिड़काव के बाद छिड़के गए खेत में किसी व्यक्ति एवं जानवर को नहीं जाने दें.
शरीर को पूरी तरह से बचाने के लिए ऐसे कपड़े पहनें जो पूरी तरह से शरीर को ढक सकें. इस से यदि खरपतवारनाशी या कीटनाशी (Pesticides) रसायन कपड़ों पर लग जाए तो उसे बदला जा सकता है. हाथों में रबड़ के दस्ताने अवश्य पहनें और मुंह पर मास्क लगा लें व आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा लगा लें.
खरपतवारनाशी या कीटनाशी (Pesticides) को प्रयोग करते समय अकेले काम नहीं करें. 1 या 2 व्यक्ति खेत के बाहर मौजूद रहें ताकि, आपातकाल में मदद मिल सके. खरपतवारनाशी या कीटनाशी को मिलाने के लिए लकड़ी के डंडे का प्रयोग करें और घोल को ढक कर रखें. साथ ही, ध्यान रखें कि उसे छोटे बच्चे व कोई पशु धोखे में पी न लें. खरपतवारनाशी या कीटनाशी छिड़कने वाले को छिड़काव की पूरी जानकारी हो और उस के शरीर पर कोई घाव न हो.
छिड़काव के लिए उपयुक्त समय सुबह या सायंकाल का हो और छिड़काव के समय चलने वाली हवा से बचें.
अगर कोई व्यक्ति कीटनाशकों (Pesticides) के संपर्क में आता है, तो उसे त्वचा में जलन, आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, उलटी, दस्त और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
कीटनाशकों का व्यक्ति पर प्रभाव दिखने लगे तो तुरंत डाक्टर के पास ले जाएं. साथ ही, कीटनाशी का डब्बा भी ले कर जाएं.