मिर्च एक ऐसा मसाला है, जो लोगों की जिंदगी को तीखा और चटपटा बना देता है. यह हर घर की रसोई में पाई जाती है, इसलिए दुनियाभर में इस की मांग बनी रहती है. बहुत से किसान इस की खेतीबारी से रोजीरोटी कमाते हैं. पर इस में कुछ कीट और रोग ऐसे लग जाते हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. आइए, जानते हैं उन के बारे में :
पीली माइट कीट
यह पीले रंग की छोटी माइट है. यह आकार में इतनी छोटी होती है, जो आसानी से दिखाई नहीं देती है. इस का प्रकोप होने पर परर्ण कुंचन (लीफ कर्ल) की तरह पत्तों में सिकुड़न आ जाती है.
इस कीट के शिशु और प्रौण दोनों ही पत्तियों का रस चूस कर हानि पहुंचाते हैं. इस का अत्यधिक प्रकोप होने पर पौधों की बढ़वार एकदम रुक जाती है और फलनेफूलने की क्षमता अकसर समाप्त हो जाती है.
मिर्च का रसाद कीट (थ्रिप्स)
प्रौण कीट 1 मिलीमीटर से कम लंबा, कोमल और हलके पीले रंग का होता है. इस के पंख झालरदार होते हैं. ये अल्पायु कीट पंखरहित होते हैं. ये सैकड़ों की संख्या में पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर छिपे रहते हैं और कभीकभी ऊपरी सतह पर भी पाए जाते हैं.
शिशु और प्रौण कीट मार्च से नवंबर माह तक मिर्च की पत्तियों का रस चूस कर हानि पहुंचाते हैं, जिस से पत्तियां मुड़ जाती हैं और ऊपरी भाग सूख जाता है.
प्रबंधन : यदि फसल में दोनों कीट नहीं आए हैं, तो नीम तेल 1500 पीपीएम की 3 मिलीलिटर दवा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर 15-15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करते रहें.