Wheat Scientists : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गेहूं वैज्ञानिकों (Wheat Scientists) को 64वीं अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ शोधकर्ता वार्षिक गोष्ठी में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया. यह गोष्ठी ग्वालियर में आयोजित की गई जिस में विश्वविद्यालय की टीम को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाणपत्र दिया गया. समारोह में मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डा. एमएल जाट उपस्थित रहे.
बेहतर चपाती गुणवत्ता वाली गेहूं किस्म डब्ल्यूएच 1306 को मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं की उन्नत किस्म डब्ल्यूएच 1306 को उच्च उत्पादकता, रोग प्रतिरोधकता और बेहतर गुणवत्ता के लिए देशभर में सराहा गया है. यह किस्म विशेष रूप से भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्रों महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु और केरल के लिए सिंचित एवं समय पर बोआई हेतु विकसित की गई है. उन्होंने बताया कि चपाती गुणवत्ता के मानकों पर यह किस्म देशी किस्म सी 306 के बाद हकृवि की दूसरी सर्वश्रेष्ठ किस्म मानी गई है. उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को अर्जित की गई इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान हमारे अनुसंधान की गुणवत्ता एवं किसानों की समृद्धि के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
डब्ल्यूएच 1306 की विशेषताएं :
अनुसंधान निदेशक डा. राजबीर गर्ग ने डब्ल्यूएच 1306 की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस किस्म की औसत उपज 50.4 किवंटल प्रति हैक्टेयर, अधिकतम उत्पादन क्षमता 72.8 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है. इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा 12.4 प्रतिशत, लौह तत्त्व (आयरन) 40.8 पीपीएम, जिंक 40.5 पीपीएम तथा ग्लूटेन 96 (उच्चतम) है, जिस से यह किस्म व्यावसायिक उत्पादों के लिए अत्यंत उपयुक्त सिद्ध होती है.