उत्तर प्रदेश का आंवला उत्पादन में विश्व मानचित्र पर प्रमुख स्थान है, जहां पर आंवला उत्पादन का 21,150 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जाता है, जिस का 8 फीसदी भाग पूर्वी जनपदों प्रतापगढ़, सुलतानपुर, फैजाबाद, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर में किया जाता है, परंतु कुल उत्पादन का 70 फीसदी भाग खाद्य प्रसंस्करण व आयुर्वेदिक उद्योग में उपयोग किया जाता है. आंवला फल उत्पाद का समय से विपणन व उपयोग न होने पर 30-37 फीसदी फलों की बरबादी हो जाती है.
आंवला के कच्चे और पके फलों द्वारा विभिन्न प्रकार के गुणवत्तायुक्त और स्वास्थ्य उपयोगी खाद्य व पेय पदार्थ बनाए जाते हैं. आंवला फल से बने प्रमुख खाद्य पदार्थों में जैम, जैली, हर्बल, चटनी, अचार, मुखोधचूर्ण, स्क्वैश, कैंडी, मुरब्बा, बरफी, लड्डू, टौफी, पाचक चूर्ण, आंवला सुपारी, पाचक गोली, नेक्टर, आरटीएस, आंवला जूस इत्यादि हैं.
आंवला फल द्वारा कई प्रकार की दैनिक उपयोगी सौंदर्य प्रसाधन सामग्री तैयार की जाती है, जिन में प्रमुख आंवला केश तेल, शैंपू, केश डाई, दंत मंजन इत्यादि हैं.
नई तकनीक जरूरी
आंवला आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास के लिए गुणवत्तायुक्त फल उत्पाद व निर्मित खाद्य पदार्थों के उत्पादन में क्रमबद्ध शृंखला में खास ध्यान देने की जरूरत है.
* निर्यात व गुणवत्ता फल उत्पादन के लिए नई प्रजातियों को विकसित करना.
* गुणवत्तायुक्त फल उत्पादन के लिए नवीनतम तकनीक व जैविक खेती में प्रोत्साहन.
* फल तुड़ाई स्तर पर ग्रेडिंग, पैकिंग और उचित भंडारण करना.
* फल उत्पाद की प्रोसैसिंग और समय पर परिवहन की व्यवस्था करना.
* खाद्य प्रसंस्करण की नईनई तकनीक का प्रयोग करना.
* फल उत्पाद व तैयार खाद्य पदार्थों का समुचित विपणन व निर्यात में प्रोत्साहन देना.