पश्चिम बंगाल और ओडिशा की बहुत पुरानी मिठाई छेना गाजा है. इस को थोड़ा सा बदल कर पश्चिम बंगाल का मशहूर छेना रसगुल्ला भी बना है. रसगुल्ले के पेटेंट को ले कर पश्चिम बंगाल और ओडिशा आमनेसामने थे. उस समय ओडिशा का कहना यही था कि रसगुल्ला छेना गाजा मिठाई का ही एक रूप है, इसलिए इस को ओडिशा की मिठाई माना जाना चाहिए.

छेना गाजा का आकार थोड़ा अलग होता है. रसगुल्ला गोल आकार का होता है पर छेना गाजा मिठाई ज्यादातर चौकोर आकार की बनती है. इसे चाशनी में डुबो कर निकाल लिया जाता है, जबकि रसगुल्ला पूरी तरह चाशनी में डूबा रहता है.

आज भी आडिशा के साथ बिहार में छेना गाजा सब से ज्यादा बिकता है. इस मिठाई की खास बात यह है कि यह लंबे समय तक खराब नहीं होती है. इस को बनाना और बेचना दोनों ही आसान है. बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सब से ज्यादा इस की बिक्री होती है, क्योंकि यह पारंपरिक मिठाई होने के साथसाथ वहां काफी मशहूर है. अब उत्तर भारत के कई राज्यों में भी यह मिठाई खूब पसंद की जा रही है.

जरूरी सामग्री

छेना गाजा बनाने के लिए सब से पहले छेना बनाने की जरूरत होती है. 1 लिटर दूध छेना बनाने के लिए 1 नीबू का रस, 2 बड़ा चम्मच सूजी, 2 कप चीनी, आधा कप पानी, 1 छोटा चम्मच गुलाबजल और तलने के लिए तेल चाहिए.

छेना बनाने की विधि

धीमी आंच पर एक बरतन में दूध गरम करने के लिए रखें और उस में थोड़ा नीबू का रस निचोड़ें. जब दूध पूरा फट जाए तो आंच बंद कर दें और उसे एक साफ कपड़े में छान कर ऊपर से ठंडा पानी डालें. अब कपड़े को बांध कर उसे अच्छी तरह दबाएं ताकि फटे हुए दूध का सारा पानी निकल जाए. लीजिए, अब छेना तैयार है.

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