करौंदे में पाए जाने वाले पोषक तत्त्वों और गुणों के द्वारा इसे स्वास्थ्यवर्धक कहा जाता है, क्योंकि यह आयरन का प्रमुख स्रोत है. इस फल में सभी फलों से अधिक लौह तत्त्व पाए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर इस में कैल्शियम की भी प्रचुर मात्रा होती है.
करौंदे में विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इस की मात्रा सेब, आम और केले से भी बहुत अधिक होती है. इस का फल खून की कमी के मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. करौंदा और भी कई रोगों के लिए फायदेमंद है.
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार है करौंदा
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता होने के कारण कई प्रकार की बीमारियों और कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है. करौंदे के औषधीय गुण प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मददगार होते हैं.
करौंदा में पाए जाने वाले फाइटोकैमिकल्स में एंटीऔक्सीडैंट और एंटीमाइक्रोबौयल गुण पाए जाते हैं. इस के साथ ही साथ विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है. ये गुण संक्रमण को रोकने की क्षमता के साथ ही प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी फायदेमंद होते हैं.
इस के अलावा करौंदे की प्रोसैसिंग कर के अनेक तरह की लजीज चीजें भी बनाई जा सकती हैं.
करौंदे की जैली
जैली बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
आवश्यक सामग्री : मात्रा
करौंदा : 1 किलोग्राम,
चीनी : 1 किलोग्राम,
साइट्रिक एसिड : 2 ग्राम.
बनाने की विधि
करौंदे को पानी से साफ कर के गोलाई में पतलेपतले काट कर इस के वजन के बराबर पानी डाल कर उबालें. उबालते समय इस में साइट्रिक एसिड भी मिला दें. जब फल नरम पड़ जाएं, तो कपड़े द्वारा रस को छान लीजिए.