अमेठी : जिले के किसानों को अब जल्द ही मोबाइल एप पर खेती से संबंधित जानकारी आसानी से मिलने लगेगी.

प्रधानमंत्री के नेशनल मास्टर प्लान के तहत किसानों को डिजिटल एग्रीकल्चर को ले कर प्रोत्साहित किया जाएगा. रिमोर्ट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर की मदद से कृषि निवेश केंद्रों, प्रयोगशाला, कृषि प्रक्षेत्र, फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग सेंटर की जियो टैगिंग कर अपलोड किया जाएगा.

यह सब काम समय से पूरा हो और उस का लाभ किसानों को मिल सके, इस के लिए अधिकारियों को नामित किया गया है. इस काम के लिए सभी कृषि सामग्री विक्रेताओं को अपनेअपने ब्लौक में संचालित बीज व उर्वरक दुकान का विवरण, लाइसेंस की कौपी, विक्रेता की फोटो मोबाइल एप पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है, जिस से एप के जरीए जरूरतमंद किसान उस का लाभ ले सके.

अपलोडिंग के दौरान दुकान में मौजूद खेती से संबंधित सभी सामान आदि का ब्योरा देना होगा. इस काम में दुकानदारों को दिक्कत हो, इस के लिए उन की मदद भी की जाएगी.

किसानों को खेतीकिसानी से जुड़ी जानकारी के साथसाथ कब, किस उर्वरक का उपयोग कब करना है, किसकिस रेट पर मिलेगा आदि की जानकारी एक ही प्लेटफार्म पर मिलेगी.

इस समय जिले में एक राजकीय फार्म हाउस, 13 राजकीय कृषि बीज भंडार, 13 कृषि रक्षा इकाई, 510 उर्वरक दुकान, 213 बीज दुकान, 212 कृषि रक्षा रसायन दुकान, 45 कस्टम हायरिंग सेंटर और 18 फार्म मशीनरी बैंक मौजूद हैं, जिन सब का डाटा मोबाइल एप पर अपलोड होगा. किसान उसे आसानी से अपने मोबाइल फोन पर घर बैठे देख सकेंगे. साथ ही, इस मोबाइल एप के जरीए घर बैठे जानकारी मिलेगी ही.

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