अच्छी पैदावार लेने के लिए समयसमय पर खेत की मिट्टी की जांच जरूर करानी चाहिए, जैसे जमीन में होने वाले पोषक तत्त्वों के बारे में जानकारी व अनेक उन कमियों का पता चल सके, जिस से फसल पैदावार पर असर पड़ रहा है. समय रहते हम खेत की मिट्टी की जांच करा कर खेत की मिट्टी को सुधार सकते हैं और अपनी जमीन से अच्छी पैदावार ले सकते हैं.

मिट्टी की जांच कब

फसल की कटाई हो जाने अथवा परिपक्व खड़ी फसल में प्रत्येक 3 साल में फसल मौसम शुरू होने से पहले एक बार भूमि में नमी की मात्रा कम से कम हो.

क्यों

सघन खेती के कारण खेत की मिट्टी में उत्पन्न विकारों की जानकारी. मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्त्वों की उपलब्धता की दशा का बोधक. बोई जाने वाली फसल के लिए पोषक तत्त्वों की आवश्यकता का अनुमान. संतुलित उर्वरक प्रबंध द्वारा अधिक लाभ.

कैसे

एक एकड़ क्षेत्र में लगभग 8-10 स्थानों से ‘ङ्क’ आकार के 6 इंच तक के गहरे गड्ढे बनाएं. एक खेत के सभी स्थानों से प्राप्त मिट्टी को एकसाथ मिला कर एक संयुक्त नमूना बनाएं. नमूने की मिट्टी से कंकड़, घास इत्यादि अलग करें. सूखे हुए नमूने को कपड़े की थैली में भर कर किसान का नाम, पता, खसरा संख्या, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, उगाई जाने वाली फसलों आदि का ब्योरा दें. नमूना प्रयोगशाला को भेजें अथवा ‘परख’ मृदा परीक्षण किट द्वारा स्वयं परीक्षण करें.

पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्त्वों का वर्गीकरण

पौधे जड़ों द्वारा भूमि से पानी और पोषक तत्त्व, वायु से कार्बनडाईऔक्साइड और सूर्य से प्रकाश ऊर्जा ले कर अपने विभिन्न भागों को बनाते हैं. पोषक तत्त्वों को पौधों की आवश्यकतानुसार निम्न प्रकार वर्गीकृत किया गया है :

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