भारतीय भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों का खासा महत्त्व है क्योंकि इन में लौह, विटामिन ‘ए’, ‘सी’ व अन्य पोषक तत्त्व सही मात्रा में पाए जाते हैं और वसा कम व रेशे की मात्रा ज्यादा पाई जाती है जो मनुष्य के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है.

भोजन में रोजाना हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग करने से हम एनीमिया, रतौंधी, अंधापन आदि रोगों से छुटकारा पा सकते हैं. किशोरों, युवतियों, बढ़ते बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए इन का प्रयोग अत्यंत लाभकारी है.

हरी पत्तेदार सब्जियां सस्ती व लगभग हर मौसम में आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं. इन में से कुछ खेतों में खरपतवार के रूप में उगती हैं जैसे देशी बथुआ, मरुआ, सिराई, चौलाई वगैरह और कुछ को घरों में भी उगाया जा सकता है जैसे धनिया, मेथी, पालक, सरसों वगैरह.

हरी पत्तेदार सब्जियों में नमी अधिक होने के कारण ये जल्दी खराब हो जाती हैं इसलिए इन के पत्तों को सुखा कर पाउडर बना कर रख सकते हैं जिसे समयसमय पर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में इस्तेमाल कर के हम अपने भोजन की पौष्टिकता को बढ़ा सकते हैं.

आजकल चौलाई का साग (हरे पत्तेदार सब्जी) बाजार में मौजूद भी है तो क्यों न इस का फायदा उठाया जाए.

चौलाई से बने कुछ पकवानों के बारे में हमें चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के खाद्य एवं पोषक विकास से डा. दर्शन पूनिया और डा. मंजू गुप्ता के जरीए जानकारी मिली.

चौलाई के पत्तों को सुखा कर पाउडर बना कर उस से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जा सकते हैं. जैसे मट्ठी, सेव, बिस्कुट वगैरह. यहां हम चौलाई से मट्ठी और सेव बनाने के तरीके और वे कितनी सेहतमंद हैं, इस की जानकारी दे रहे हैं.

बनाएं चौलाई का पाउडर

चौलाई के पत्तों को तोड़ कर साफ पानी में अच्छी तरह धो लें. इन्हें बारीक काट कर अखबार या मलमल के कपड़े में ढक कर सुखा लें और सूखी हुई पत्तियों को पीस कर पाउडर बना लें और एयर टाइट डब्बे में बंद कर के रख लें. जब मन करे तब पौष्टिक व्यंजन बनाने के लिए पत्तियों का पाउडर इस्तेमाल करें.

पौष्टिक मट्ठी बनाने की आवश्यक सामग्री : मैदा 85 ग्राम, मोठ का आटा 10 ग्राम, चौलाई के पत्तों का पाउडर 5 ग्राम, घी 15 ग्राम और स्वाद के हिसाब से नमक.

बनाने की विधि : मैदा, मोठ का आटा और चौलाई के पत्तों के पाउडर को छान लें और अच्छी तरह मिला लें और हलका नमक मिला लें. इस मिश्रण में मोइन डाल कर सख्त आटा गूंध लें.

आटे की छोटीछोटी लोई बना कर मट्ठी के आकार में बेल लें. मट्ठी के बीच में एक काली मिर्च लगा कर पहले से गरम किए हुए तेल में सुनहरा भूरा होने तक तल लें.

पौष्टिकता से है भरपूर : प्रोटीन 9.19 ग्राम प्रति 100 ग्राम, लौह 5.28 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम, बीटा कैरोटीन 10.58 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम.

चौलाई के सेव

जरूरी सामग्री : बेसन 70 ग्राम, मोठ का आटा 25 ग्राम, चौलाई के पत्तों का पाउडर 5 ग्राम, घी 15 ग्राम मोइन के लिए, तेल तलने के लिए, नमकमिर्च स्वादानुसार.

बनाने की विधि : बेसन, मोठ का आटा, चौलाई के पत्तों का पाउडर, नमक और मिर्च को अच्छी तरह मिला लें. इस मिश्रण में मोइन डाल कर आटे की तरह नरम गूंध लें. कहाड़ी में तेल गरम करें. गूंधे हुए आटे को सेव बनाने वाली मशीन में डाल कर सीधा गरम तेल में सेव बना लें. सेव को हलका भूरा होने तक तलें और ठंडा होने पर डब्बे में बंद कर रख लें.

पौष्टिकता से है भरपूर : इस में प्रोटीन 15.75 ग्राम प्रति 100 ग्राम. लौह 7.25 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम, बीटा कैरोटीन 12.36 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है.

ये बिलकुल देशी पकवान हैं. इन्हें आप अधिक मात्रा में बनाने के लिए दिए गए अनुपात के अनुसार सामग्री बढ़ा लें और बनाने के बाद ठंडा होने दें जिस से वे कुरकुरे हो जाएंगे. बाद में उन्हें एयर टाइट डब्बों में बंद कर रख दें और आप का जब मन करे तब खुद खाएं और मेहमानों को भी खिलाएं.

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