Seminar : 2 अगस्त,2025 को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के कृषि अभियांत्रिकी सभागार में पीएम किसान कार्यक्रम के अंतर्गत एक किसान वैज्ञानिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में अनुसूचित जाति परियोजना एवं संस्थान के अंगीकृत गांवों के 200 किसानों ने भाग लिया.

इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी की और किसान सभा को संबोधित किया. इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के कृषि अभियांत्रिकी सभागार में किया गया, जिस में पूसा संस्थान की अनुसूचित जाति परियोजना एवं संस्थान के अंगीकृत गांवो एवं निकटवर्ती जिलों के 200 किसानों, पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के अंतर्गत 9.70 करोड़ से अधिक किसानों को 20,500 करोड़ रुपए की सम्मान राशि हस्तांतरित की.

इस संस्थान के कृषि प्रौद्योगिकी आकलन एवं स्थानांतरण केंद्र के प्रभारी डा. अनिल कुमार सिंह ने संयुक्त निदेशक (प्रसार) डा. रविंद्र पडारिया, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डा. सी विश्वनाथन, जल प्रौद्योगिकी केंद्र के परियोजना निदेशक डा. पी ब्रह्मानंद सहित उपस्थित वैज्ञानिकों, स्टाफ और किसानों का स्वागत किया.

इस के बाद वैज्ञानिक किसान परिचर्चा शुरू हुई. जिस में डा. प्रवीण उपाध्याय, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान संभाग ने समन्वित खेती प्रणाली तकनीकी पर चर्चा की. साथ ही, डा. प्रलय भौमिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, अनुवांशिकी संभाग ने बासमती धान की उन्नत उत्पादन प्रौद्योगिकी,  डा. विनोद कुमार शर्मा प्रधान वैज्ञानिक ने मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन संभाग ने समेकित पोषण प्रबंधन जैसे विषयों पर किसानों को जानकारी दी.

अगले सत्र में तीन और विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई. इस सत्र में डा. विग्नेश एम, वरिष्ठ वैज्ञानिक, अनुवांशिकी संभाग ने मक्का उत्पादन प्रौद्योगिकी, डा. एसपी सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, अनुवांशिकी संभाग ने श्रीअन्न की महत्ता एवं उत्पादन प्रौद्योगिकी, डा. बिष्णु माया, वरिष्ठ वैज्ञानिक, पादप रोगविज्ञान संभाग ने खरीफ फसलों के मुख्य रोगों विशेषकर धान में बकानी रोग के नियंत्रण पर चर्चा की.

डा. पी ब्रह्मानंद, परियोजना निदेशक, जल प्रौद्योगिकी केंद्र ने किसानों को जल संरक्षण और जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के तरीके बताए. संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डा. सी विश्वनाथन ने अपने किसानों को संस्थान द्वारा शोध से उत्पन्न नवीन प्रौद्योगिकियों को अपनाने की सलाह दी. संयुक्त निदेशक (प्रसार) ने किसानों को संगठन बना कर उद्यमिता और मार्केटिंग के क्षेत्र में भी कार्य करने की सलाह दी. अगले सत्र में किसानों को संस्थान के खेतों में, जहां विभिन्न विषयों के अनुसंधान चल रहे थे, भ्रमण कराया गया और उन्हें लाइव प्रदर्शनों और अनुसंधान प्रयोगों के माध्यम से खेतीबारी के अन्य विषयों पर जानकारी दी गई.

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