केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि हरित क्रांति जैविक उत्पादों के लिए बाजार खोज कर दुनियाभर में पैसा भारत में लाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात के कच्छ जिले में 500 मल तरल उर्वरक की 2 लाख बोतल का प्रतिदिन उत्पादन होगा, जिस से आयातित उर्वरक पर निर्भरता कम होगी और 10,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी भी बच सकेगी.

उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आगामी 5 साल में देश में 3 लाख प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है. इस से किसानों को काफी लाभ मिल सकेगा. इस से धरती सुरक्षित रहेगी.

जमीन को उपजाऊ बनाए रखना किसानों के सामने सब से बड़ी आज जो चुनौती है, उस से भी आसानी से निबटा जा सकेगा. तरल उर्वरक जमीन में नहीं उतरता, पौधे पर ही रहता है. इस से पानी भी प्रदूषित नहीं होगा और जमीन भी सुरक्षित बनी रहेगी.

भारत में आज सतत कृषि विकास की मांग तेजी से आ रही है. हरित क्रांति के चलते देश में उत्पादन तो बढ़ा, लेकिन रासायनिक खादों के इस्तेमाल से मिट्टी की गुणवत्ता कम होती गई. नतीजतन, आज देश में बंजर हो चुकी जमीन का फीसदी काफी बढ़ चुका है. भारत में हालात की गंभीरता को भांपते हुए पिछले कुछ सालों में सतत कृषि विकास की दिशा में गंभीर प्रयास किए गए हैं. इस से देश में जैविक और प्राकृतिक खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है. साथ ही कम जल से सिंचाई के तरीकों का इस्तेमाल भी दिनोंदिन बढ़ रहा है

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