खरीफ सीजन की सब से प्रमुख फसल के रूप में देश के तमाम राज्यों में धान की खेती की जाती है, जिस के लिए किसानों को तमाम तरह की तैयारियां पूर्व में ही करनी पड़ती हैं. इस में धान की उपयुक्त प्रजातियों के चयन से ले कर खाद, खरपतवारनाशक की व्यवस्था, बीजों का शोधन, नर्सरी तैयार करना, रोपाई, कीट व रोगों का नियंत्रण, मड़ाई व भंडारण जैसी चीजों पर विशेष ध्यान देना पड़ता है.

ऐसे में अगर किसान को धान की फसल से लागत के अनुरूप उत्पादन व लाभ नहीं मिलता है, तो भुखमरी के हालात से भी रूबरू होना पड़ता है.

धान की फसल के लिए कई विधियों का प्रयोग किया जाता है. इस में नर्सरी से धान के खेत में सीधी रोपाई, एसआरआई विधि, खेत में छिटकवां विधि से धान की बोआई व ड्रम सीडर से धान की बोआई आदि. इन सभी विधियों से धान की खेती करने के अलगअलग फायदे हैं, लेकिन अगर किसान ड्रम सीडर से अपने खेत में धान की बोआई करें, तो उस से कई तरह के फायदे हैं. किसान इस तरह की बोआई से अधिक लाभ कमा सकता है.

ड्रम सीडर धान की बोआई में प्रयोग किया जाने वाला प्लास्टिक से बना एक मानवचलित यंत्र है. इस के प्रयोग से धान की बोआई में श्रम शक्ति, पैसा व समय की बचत भी की जा सकती है.

मशीन की बनावट व मूल्य

ड्रम सीडर यंत्र में 4-6 प्लास्टिक के डब्बे लगे होते हैं. इन डब्बों में क्रमशः 28 व 14 छिद्र पास व दूर में बने होते हैं. इस यंत्र के डब्बों की लंबाई 25 सैंटीमीटर व व्यास 18 सैंटीमीटर होती है. एक डब्बे में डेढ़ से दो किलोग्राम मात्रा में बीज रखा जाता है. इस यंत्र में किनारे पर 2 चक्के लगे होते हैं, जो खेत में बोआई के संचालन में उपयोगी होते हैं. इस में 2 हैंडल दोनों छोरों से होते हुए आपस में आ कर मिले होते हैं. इसे कोई भी एक व्यक्ति पकड़ कर बोआई का काम कर सकता है.

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