भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय अपना 15वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस अवसर पर आयोजित 2 दिवसीय सम्मलेन “कृषि खाद्य प्रणालियों के परिवर्तन में जमीनी स्तर पर नवाचार और नव प्रवर्तक” का पिछले दिनों समापन हो गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवन कुमार ने हिस्सा लिया.

समापन समारोह के शुरू होने से पूर्व मंत्री श्रवन कुमार ने वृक्षारोपण किया एवं लैग्वेज लैब का उद्घाटन किया. उन्होंने नवाचारी किसानों द्वारा लगाए गए स्टाल का भ्रमण किया एवं कृषि और इस से संबंधित उद्यम के लिए किए गए कई तरह के नवाचारों का अवलोकन किया.

इस समारोह में अन्य अतिथि के तौर पर गोपालपुर के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज, पीरपैंती के विधायक ललन कुमार, सुल्तानगंज के विधायक ललित नारायण मंडल, विधान पार्षद डा. एनके यादव के अलावा और भी अतिथियों ने हिस्सा लिया.

अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति डा. डीआर सिंह ने विश्वविद्यालय के 15वें स्थापना दिवस पर सभी वैज्ञानिकों और कर्मियों को बधाई देते हुए विश्वविद्यालय के उत्थान में पूर्व के सभी कुलपतियों के योगदानों की सराहना की. उन्होंने प्रथम कुलपति डा. मेवालाल चौधरी को याद करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना और इस विशाल संरचना के पीछे कोई एक व्यक्ति प्रथम कुलपति डा. मेवालाल चौधरी ही हैं. साथ ही, कुलपति ने विश्वविद्यालय को अस्तित्व में लाने से ले कर इस ऊंचाई पर पहुचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री का आभार जताया. उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को देश और दुनिया में पहुंचाने के लिए पत्रकारों और मीडिया वालों का भी आभार जताया.

कुलपति डा. डीआर सिंह ने कहा कि बीएयू ने पिछले 16 से 18 माह के भीतर ही 14 पेटेंट हासिल किए हैं, जो कि अपनेआप में गर्व का विषय है. विश्वविद्यालय रोजगार सृजन में विशेष योगदान दे रहा है. यहां से उत्तीर्ण विद्यार्थी तुरंत बेहतर रोजगार पा रहे हैं, वहीँ युवाओं को स्वावलंबी बना कर भी विश्वविद्यालय निरंतर रोजगार सृजन कर रहा है. इस प्रकार विश्वविद्यालय नौकरी खोजने की मानसिकता से उबार कर युवाओं को नौकरी देने वाली स्थिति तक खड़ा कर रहा है.

उन्होंने बागबानी के क्षेत्र में समूचे देश में सबौर के योगदानों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि बिहार के किस जिले में कौन सी खेती सही से हो सकती है, इस का पूरा डाटा बीएयू के पास है और इस के अनुरूप ही नई किस्मों को विकसित किया जा रहा है.

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय की शोध, शिक्षा और प्रसार गतिविधियों से आज पूरा राज्य लाभान्वित हो रहा है. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किसानों में नवाचार को प्रोत्साहन देने की सराहना की.

पीरपैंती के विधायक ललन कुमार ने प्राकृतिक और जैविक खेती में नवाचार और उद्यम के अवसरों पर प्रकाश डाला. साथ ही, उन्होंने भागलपुर के आसपास की क्षेत्रों में आर्सेनिक और फ्लोराइड के बढ़ते प्रभाव पर ध्यान दिलाया और इस से निबटने के उपाय खोजने का सुझाव दिया.

उन्होंने कहा कि अब सिर्फ फूड पार्क की आवश्यकता है, जिस से किसानों को अपना फल और सब्जियों की प्रोसैसिंग करने में मदद मिलेगी.

गोपालपुर के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज ने कहा किसान आगे बढ़ेगा, तो पूरा समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा.

सुल्तानगंज के विधायक ललित नारायण मंडल ने बदलते वातावरण में कृषि की चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी शोधों को किसानोपयोगी बनाते हुए जल्द से जल्द किसानों को समर्पित करने का आह्वान किया.

कार्यक्रम में उत्कृष्ट काम करने वाले वैज्ञानिकों, कर्मियों, छात्रों और किसानों को सम्मानित किया गया. विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित कई पुस्तकों का विमोचन किया, जिन में “कृषि खाद्य प्रणाली के प्रवर्तक”, “संकल्प से समृद्धि का आधार”, “बढ़ते कदम” और “कृषक संदेश” प्रमुख है. प्राकृतिक खेती पर आधारित फिल्म का लोकार्पण मंत्री श्रवण कुमार ने किया, जिसे विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा अभिनीत किया गया. इसे बीएयू मीडिया सैंटर द्वारा बनाया गया है.

नवाचारी रेडियो का किया लोकार्पण
विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस के साथसाथ यहां से प्रसारित होने वाले सामुदायिक रेडियो स्टेशन का 5वां स्थापना दिवस भी है. इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में एक बड़े आकर का रेडियो सेट का लोकार्पण किया गया. 5 फुट चौड़े और 3 फुट लंबे इस बड़े रेडियो सेट पर विश्वविद्यालय से प्रसारित सामुदायिक रेडियो स्टेशन से यह कार्यक्रम 24 घंटे चलते रहेंगे. लोग इस के आगे सेल्फी भी ले सकेंगे. इसे परिसर में लगाने का उद्देश्य नई पीढ़ी को रेडियो सुनने के लिए प्रोत्साहित करना है. साथ ही, एक माध्यम के रूप में रेडियो की विश्वसनीयता सब से अधिक होने अवगत कराना है.

गौरतलब है कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत अभी 3 सामुदायिक रेडियो स्टेशन का संचालन हो रह है, वहीँ चौथा रेडियो स्टेशन कृषि विज्ञान केंद्र, कटिहार में अगले माह से शुरू हो रहा है.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...