फार्म एन फूड पत्रिका देश के किसानों को न केवल खेतीकिसानी से जुड़ी जानकारी मुहैया कराती है, बल्कि आम बोलचाल की भाषा में यह पत्रिका खेतीबारी की नई तकनीकी, बागबानी, पशुपालन, कुक्कुटपालन, मत्स्यपालन, डेरी व डेरी उत्पाद, फूड प्रोसैसिंग, खेती वगैरह से जुड़ी मशीनों सहित खेत से बाजार सहित ग्रामीण विकास और किसानों की सफलता की कहानियों और अनुभवों को अन्नदाता किसानों तक अपने लेखों और समाचारों के जरीए पहुंचाने का काम करती रही है.

यही वजह है कि इस पत्रिका का प्रसार देश में तेजी से बढ़ रहा है और खेती में रुचि रखने वाले पाठकों की तादाद में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. पिछले 2 सालों से जब देश और दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रही थी, उस दशा में भी ‘फार्म एन फूड’ ने किसानों का साथ नहीं छोड़ा है, क्योंकि यह पत्रिका किसानों को प्रिंट और डिजिटल दोनों ही में खेतीबारी से जुड़ी तकनीकी जानकारियां देने का काम कर रही है. इतना ही नहीं, यह पत्रिका न केवल लेखों के जरीए किसानों की मददगार बनी हुई है, बल्कि समयसमय पर उन का सम्मान कर के किसानों के प्रयासों और अनुभवों को लोगों की नजर में लाने का काम करती रही है. इसी क्रम में किसानों के सम्मान के लिए पिछले कई सालों से फार्म एन फूड अवार्ड का आयोजन देश भर के अनेक राज्यों में होता रहा है.

साल 2021 में यह आयोजन मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट में राज्य स्तरीय फार्म एन फूड एग्री अवार्ड के नाम से किया गया, जिस के आयोजन में जल योद्धा के नाम से मशहूर उमाशंकर पांडेय ने मुख्य सहयोगी की भूमिका निभाई जिन्हें २६ जनवरी २०२३ को भारत सरकार ने 'पदम श्री सम्मान' से भी नवाजा है .

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