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तेलंगाना : खरीफ मौसम से जुड़ी गतिविधियों पर संयुक्त सचिव, (आईएनएम) एमओएएफडब्ल्यू, भारत सरकार, डा. योगिता राणा, और सचिव, एएंडसी विभाग, तेलंगाना सरकार एम. रघुनंदन राव की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में तेलंगाना के सभी संबंधित योजना नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में कृषि में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की भी विस्तार से समीक्षा की गई.
एम. रघुनंदन ने तेलंगाना में मौजूद मौसमी परिस्थितियों और खरीफ की तैयारी की गतिविधियों और सूखा शमन उपायों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी.
उन्होंने अपनी प्रस्तुति में बताया कि तेलंगाना राज्य का सकल बोआई क्षेत्र (वर्ष 2014-15) के 129.04 लाख एकड़ से बढ़ कर (वर्ष 2022-23 में) 232.58 लाख एकड़ हो गया है, जबकि धान बोआई क्षेत्र (वर्ष 2014 खरीफ) के 22.74 लाख एकड़ से बढ़ कर (वर्ष 2022 में) 64.99 लाख एकड़ हो गया है.
समीक्षा के दौरान यह भी बताया गया कि वर्तमान में बीज और उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उर्वरकों सहित कृषि उपादानों की आपूर्ति के लिए 950 से अधिक कृषि रायथू सेवा केंद्र (एआरएसकेएस) कार्यरत हैं.
एम. रघुनंदन ने अपने प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया कि फास्फेट को घुलनशील बनाने वाले बैक्टीरिया (पीएसबी), नैनो यूरिया, यूरिया के विभाजित अनुप्रयोग और रायथू वेदिका के माध्यम से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए जैविक खाद को प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
उन्होंने यह भी बताया कि सभी हितधारकों को एक मंच पर ला कर नैनो यूरिया पर व्यापक जागरूकता लाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राज्य में वर्तमान में वर्षा में 24 फीसदी की कमी है और राज्य में सूखे की तैयारी के लिए उपाय किए जा रहे हैं. सीआरआईडीए, हैदराबाद के सहयोग से जिलेवार फसल संबंधी आकस्मिक योजनाएं पहले ही तैयार की जा चुकी हैं. साथ ही, वर्षा में देरी की स्थिति में वैकल्पिक फसलों की भी पहचान कर ली गई है.