हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी)-आईडीपी प्रोजैक्ट के तहत "कृषक समाज के सतत विकास एवं सामाजिकआर्थिक उत्थान" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का पिछले दिनों समापन हुआ, जिस में बतौर मुख्यातिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज रहे.

मुख्यातिथि प्रो. बीआर कंबोज ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार समाज का सब से छोटा हिस्सा है, इसलिए उस के सतत विकास के लिए उन्हें नई जानकारियां, नवाचारों व प्रौद्योगिकियों के प्रति प्रोत्साहित करना अनिवार्य है. इसी प्रकार देश के उत्थान में कृषक समाज का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए देश को विकास की पटरी पर लगातार बनाए रखने के लिए इन का उत्थान बहुत जरूरी है, लेकिन नई तकनीकों कों किसानों व समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना एक चुनौती भरा काम है. इस प्रक्रिया में समाजशास्त्र से जुड़े विशेषज्ञ महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि यदि नई तकनीकों को ईजाद करने वाले विभाग और समाजशास्त्री एकसाथ मिल कर काम करेंगे, तो इस के बहुत ही सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे.

मुख्यातिथि बीआर कंबोज ने आंकड़ा प्रबंधन व विश्लेषण को भी अहम बताते हुए कहा कि इस से हर जगह से मिल रही जानकारियों को दुरुस्त व त्रुटिरहित समाज तक पहुंचाया जा सकता है. इस के लिए सरकारी व गैरसरकारी शिक्षण शोध संस्थानों को एक मंच पर आ कर एकजुटता के साथ जानकारी साझा करनी चाहिए. वर्तमान समय में खेती पर जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम बढ़ रहे हैं. इन्हीं चुनौतियों से निबटने के लिए विभिन्न नवीनतम एवं उन्नत सस्य क्रियाएं मदद कर सकती हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...