नई दिल्ली: केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ पर मत्स्यपालन के क्षेत्र में बदलाव लाने और भारत की नीली अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कई पहलों और परियोजनाओं का शुभारंभ किया.
इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जौर्ज कुरियन भी उपस्थित थे. मत्स्यपालन विभाग के सचिव डा. अभिलक्ष लिखी, संयुक्त सचिव (आईएफ) सागर मेहरा और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्यपालन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और फ्रांस, रूस, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, नार्वे और चिली के दूतावासों के प्रतिनिधिमंडल ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.
मत्स्यपालन विभाग (भारत सरकार), राष्ट्रीय मत्स्यपालन विकास बोर्ड, आईसीएआर संस्थानों और संबद्ध विभागों और मंत्रालयों के अधिकारियों, पीएमएमएसवाई लाभार्थियों, मछुआरों, मछली किसानों, एफएफपीओ, उद्यमियों, स्टार्टअप, कौमन सर्विस सैंटर (सीएससी) और देशभर के अन्य प्रमुख हितधारकों ने हाइब्रिड मोड में इस कार्यक्रम में भाग लिया.
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने इस अवसर पर एनएफडीपी (राष्ट्रीय मत्स्य विकास कार्यक्रम) पोर्टल लौंच किया, जो मत्स्यपालन के हितधारकों की रजिस्ट्री, सूचना, सेवाओं और मत्स्यपालन से संबंधित सहायता के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा.
उन्होंने पीएम-एमकेएसएसवाई परिचालन दिशानिर्देश भी जारी किए. एनएफडीपी को प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सहयोजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) के तहत बनाया गया है, जो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत एक उपयोजना है. इस योजना से देशभर में मत्स्यपालन में लगे मछली श्रमिकों और उद्यमों की एक रजिस्ट्री बना कर विभिन्न हितधारकों को डिजिटल पहचान मिलेगी. एनएफडीपी के माध्यम से संस्थागत ऋण, प्रदर्शन अनुदान, जलीय कृषि बीमा आदि जैसे विभिन्न लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं.