लखनऊ: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घृतकुमारी ग्वारपाठा (एलोवेरा) की नई प्रजाति ‘एनबीआरआई-निहार’ जारी की, जिस में सामान्य एलोवेरा की तुलना में लगभग 2.5 गुना अधिक जैल की उपज होती है. क्षेत्रीय अवलोकनों के अनुसार, ‘एनबीआरआई-निहार’ जीवाणु एवं कवक जन्य (बैक्टीरियल एंड फंगल) रोगों के विरुद्ध सब से कम प्रभावित पाया गया है. सामान्य खांसी और सर्दी को ठीक करने के लिए 2 हर्बल उत्पाद ‘हर्बल कोल्ड ड्राप्स’ और मार्क लैबोरेटरीज द्वारा बनाए गए हर्बल एंटी डैंड्रफ हेयर औयल को भी मंत्री द्वारा जारी किया गया.

डा. जितेंद्र सिंह ने भारतीय भेषज मानकों (इंडियन फार्माकोपिया स्टैंडर्ड्स) के अनुसार, विकसित संस्थान के 500 अपरिष्कृत (रौ) औषधि भंडारों का एक डेटाबेस भी जारी किया और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनबीआरआई) के उद्यान में गुलाबों पर एक पुस्तक का विमोचन किया, जिस में बौटैनिकल गार्डन में संरक्षित विशिष्ट प्रजातियों का विवरण शामिल है.

इस अवसर पर कपास पर सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए सीएसआईआर-एनबीआरआई और मैसर्स न्यूक्लियोम इंफौर्मेटिक्स, हैदराबाद के बीच एक समझौता भी हुआ. भारत के वनस्पति नमूनों का एक राष्ट्रीय भंडार, जनता के बीच आसानी से जानकारी प्रसारित करने के लिए सीएसआईआर-एनबीआरआई का डिजिटल हर्बेरियम और ‘उत्तर प्रदेश के वानस्पतिक पौधे संसाधन एवं एक जांच सूची’ और ‘उत्तर प्रदेश के ईफ्लोरा’ पर एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया था.

जारी की गई ईफ्लोरा की सूची और पुस्तक उत्तर प्रदेश के 5 हजार से अधिक पौधों की सूची और जानकारी प्रदान करती है.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) मंत्री ने गाउट/गाउटी गठिया (आर्थराइटिस) के लिए एक पूरक खाद्य एनबीआरआई-गाउटआउट और उच्च हिमालय के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सेना के जवानों के लिए एक न्यूट्री बार भी जारी किया.

डा. जितेंद्र सिंह ने 14 से 19 अगस्त, 2023 तक राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) द्वारा आयोजित 6 दिवसीय विषय वस्तु आधारित कार्यक्रम का दौरा किया, जिस में विभिन्न हितधारकों के लिए प्रयोगशाला के अत्याधुनिक अनुसंधान, उत्पादों और प्रौद्योगिकियों, विशेषज्ञता और सुविधाओं का प्रदर्शन किया गया.

इस से पहले एनबीआरआई के निदेशक डा. अजीत कुमार शासनी ने डा. जितेंद्र सिंह का स्वागत किया और ‘एक सप्ताह एक प्रयोगशाला (वन वीक वन लैब)’ की सहमति देने के लिए उन की सराहना की, जिस ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने में एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया है.

डा. जितेंद्र सिंह ने पोषक तत्व केंद्रित (न्यूट्रा सेंट्रल) मूल उपउत्पादों (बाईप्रोडक्ट्स) को समर्पित एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और प्रत्येक स्टाल पर जा कर इस के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...