Veterinary Doctors : लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशालय के अंतर्गत कैंपस प्लेसमैंट सैल ‘पशु चिकित्सा नवाचार को आगे बढ़ाना और पालतु पशु चिकित्सकों के लिए उभरती तकनीकें’ विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सैमिनार का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. विनोद कुमार वर्मा रहे. उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पालतू पशु उद्योग आज तीव्र गति से प्रगति कर रहा है और आने वाले समय में इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की भारी मांग होगी. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को चाहिए कि वे केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए हर अवसर का लाभ उठाएं. निजी प्रैक्टिस की चुनौतियां कठिन जरूर हैं, लेकिन यदि छात्र उन्हें साहस और सकारात्मक सोच के साथ अपनाएं तो ये चुनौतियां आगे चल कर उन के कैरियर को नई दिशा देंगी.
डा. विनोद कुमार वर्मा ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आसमान ही सीमा है. दृढ़ निश्चय, निरंतर कौशल विकास और सतत सीखने की प्रक्रिया से विद्यार्थियों के सामने सफलता के अपार द्वार खुल सकते हैं.
इस अवसर पर मैक्सपेट्ज इंडिया के निदेशक एवं विश्वविद्यालय के गौरवशाली पूर्व छात्र डा. कुनाल देव शर्मा विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में उपस्थित रहे. डा. कुनाल देव शर्मा देश के अग्रणी पालतु पशु विशेषज्ञों में शुमार किए जाते हैं. उन्होंने यूनाइटेड किंगडम और यूरोप के प्रतिष्ठित संस्थानों से उच्च प्रशिक्षण प्राप्त किया है और आर्थोपैडिक और न्यूरो सर्जरी में विशेष दक्षता अर्जित की है. वे भारत में टोटल हिप रिप्लेसमैंट जैसी आधुनिक शल्य प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू करने वाले पहले विशेषज्ञों में से एक हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा. कुनाल देव शर्मा ने कहा कि एक सफल पशु डाक्टर (Veterinary Doctors) बनने के लिए कौशल विकास, आत्म अध्ययन तथा नवीन तकनीकों के साथ निरंतर अद्यतन रहना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने विद्यार्थियों को उन्नत शल्य चिकित्सा पद्धतियों से अवगत कराया, जिन में टोटल हिप रिप्लेसमैंट, मस्तिष्क संबंधी जटिल शल्यक्रियाएं, वर्टिब्रल डिस्क रोगों का उपचार तथा हृदय रोग प्रबंधन प्रमुख हैं.
डा. कुनाल देव शर्मा के अनुभव और शोधयात्रा से प्रेरणा लेते हुए विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक विविध प्रश्न पूछे, जिन का उन्होंने अत्यंत धैर्यपूर्वक और विस्तार से उत्तर दिया. उन की उपस्थिति ने विद्यार्थियों में नवीन ऊर्जा का संचार किया और उन्नत पशु चिकित्सा के प्रति रुचि को और प्रबल किया.
सैमिनार के मंच पर निदेशक, छात्र कल्याण डा. सज्जन सिहाग और वैटरनरी साइंसेज कालेज के अधिष्ठाता डा. गुलशन नारंग भी उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाते हुए दिल्ली के अग्रणी प्रैक्टिशनर डा. धीरज भारद्वाज भी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए. संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन कैंपस प्लेसमैंट सैल के समन्वयक डा. तरुण कुमार ने किया.
कार्यक्रम के समापन अवसर पर डा. रेनू गुप्ता, एडीएसडब्ल्यू, कैंपस प्लेसमैंट सैल ने सभी अतिथियों, विशेष वक्ताओं, शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को न केवल नवीनतम जानकारियों से जोड़ते हैं, बल्कि उन्हें अनुभवी विशेषज्ञों से सीधे सीखने और प्रेरणा लेने का अवसर भी प्रदान करते हैं.