अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कई तरह के टैरिफ लगाकर भारत की आयात-निर्यात नीति पर गहरा आघात किया था, पर हाल ही में कई कृषि उत्पादों पर लगाए गए reciprocal tariffs (पारस्परिक टैरिफ) से कुछ वस्तुओं को बाहर कर दिया है, जो बड़ी राहत की बात है. जानें कौन- सी वस्तुओं से हटा है टैरिफ-
क्या बदलाव हुआ है अमेरिका के टैरिफ नियमों में?
अमेरिका के व्हाइट हाउस ने हाल ही में एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया जिसमें कई कृषि उत्पादों को टैरिफ से छूट दी गई है. यह छूट लागू हो चुकी है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम से भारत को थोड़ा ही सही पर खास फायदा मिल सकता है, क्योंकि इससे भविष्य में कृषि निर्यात के नए अवसर खुल सकते हैं.
ये हैं छूट वाले सामान
कॉफी, चाय, उष्णकटिबंधीय फल, फलों का रस, कोको, मसाले, केला, संतरा, टमाटर, बीफ और कुछ उर्वरक पर यह छूट दी गई है. अमेरिका ने माना है कि इन उत्पादों का या तो अमेरिका में उत्पादन कम होता है, या इनके लिए जलवायु अनुकूल नहीं है, इसलिए इन्हें आयात पर भारी शुल्क से मुक्त किया गया है.
भारत का वर्तमान निर्यात
GTRI के मुताबिक, टैरिफ छूट वाली इन वस्तुओं में अमेरिका सालाना तकरीबन 50.6 बिलियन डॉलर का आयात करता है, लेकिन भारत इसमें सिर्फ 548 मिलियन डॉलर का योगदान देता है.
किन किसानों को मिलेगा तुरंत फायदा?
टैरिफ छूट का सबसे जल्दी फायदा इन सेक्टरों को मिल सकता है, जैसे मसाले उगाने वाले किसान, दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के मसाला उत्पादक, चाय उत्पादक, कोको व नारियल किसानों को फायदा मिलेगा. केले, संतरे और टमाटर की खेती करने वाले किसानों को भी लाभ होगा.
भारत को क्या करना होगा
GTRI का कहना है कि असली फायदा उन्हें मिलेगा जो बड़ी मात्रा में उत्पादन और तेज सप्लाई चेन संभाल सकते हैं- जैसे लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और ASEAN देश. भारत को बड़ा लाभ मिलेगा केवल तभी, जब हम उत्पादन का पैमाना बढ़ाएं, कोल्ड-चेन और स्टोरेज प्रणाली मज़बूत करें, नई फसलों में विविधता लाएं, कृषि निर्यात बास्केट बढ़ाएं.
अमेरिका की यह टैरिफ छूट भारत के लिए एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण अवसर है. अभी इसका सीधा लाभ मसालों और चाय जैसे उत्पादों तक सीमित रहेगा, लेकिन अगर भारत अपनी उत्पादन क्षमता, गुणवत्ता और सप्लाई चेन को मजबूत करे तो आने वाले वर्षों में कृषि निर्यात कई गुना बढ़ सकता है.





