उदयपुर : देश में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं चल रही हैं. इसी कड़ी में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कृषि स्नातक विद्यार्थियों के लिए 6 दिवसीय अनुभवात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘पोषक अनाज के वैज्ञानिक उत्पादन प्रबंधन‘ का 24.6.23 को शुभारंभ किया गया.

अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 की विभिन्न गतिविधियां एवं कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक की पोषक अनाज की योजना को मूर्तरूप देने के क्रम में श्री अन्न वाटिका विकसित करने के लिए कार्यक्रम में अनुसंधान निदेशक महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं इस प्रशिक्षण के आयोजन सचिव डा. अरविंद वर्मा ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत सरकार की पहल पर 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया है.

उन्होंने 21वीं सदी में पोषक अनाज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे पोषक अनाज के अनुसंधान पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि पोषक अनाज की खेती में अन्य खाद्यान्न गेहूं, चावल की तुलना में कम पानी की आवश्यकता होती है.

उन्होंने युवाओं को पोषक अनाज के बारे में जागरूक करने पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य पोषक अनाज के उत्पादन में अग्रणी है.

डा. एसएस शर्मा, अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान का उपयोग कर उद्यमिता की और प्रेरित हो एवं कृषि में अधिक आय प्राप्त करें.

डा. हेमलता शर्मा, प्रभारी, अखिल भारतीय ज्वार अनुसंधान परियोजना एवं इस कार्यक्रम की सहआयोजन सचिव ने इस प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए पोषक अनाज वर्ष 2023 की विस्तृत कार्ययोजना से अवगत कराया.

इस कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को पोषक अनाज की सचित्र मार्गदर्शिका भी वितरित की गई. कार्यक्रम में डा. रविकांत शर्मा, उपनिदेशक अनुसंधान, डा. अमित दाधीच, डा. एनके पाडीवाल, डा. नवल सिंह देवड़ा की सहभागिता रही.
कार्यक्रम का संचालन डा. अमित दाधीच ने किया.

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