नई दिल्ली : चावल, गेहूं और आटे के खुदरा मूल्यों को नियंत्रित करने के बाजार उपाय के रूप में भारत सरकार की पहल के अंतर्गत गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की गई है.

वर्ष 2023-24 की 11वीं ई-नीलामी 6 सितंबर, 2023 को आयोजित की गई. पूरे देश में 500 डिपो से 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख मीट्रिक टन चावल की बिक्री की पेशकश की गई.

ई-नीलामी में 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल बेचा गया. एफएक्यू गेहूं के लिए भारित औसत विक्रय मूल्य 2,169.65 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि इस का पूरे देश में आरक्षित मूल्य 2,150 रुपए प्रति क्विंटल था. वहीं यूआरएस गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2150.86 रहा, जबकि इस का आरक्षित मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था.
साथ ही, चावल का भारित औसत विक्रय मूल्य 2,956.19 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि देशभर में इस का आरक्षित मूल्य 2952.27 रुपए प्रति क्विंटल था.

ई-नीलामी की वर्तमान किस्त में एक खरीदार के लिए गेहूं की अधिकतम 100 टन और चावल की 1,000 टन तक की पेशकश कर के इन के खुदरा मूल्यों में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है. यह निर्णय छोटे और सीमांत उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, ताकि प्रतिभागी आगे आ सकें और अपनी पसंद के डिपो से आवश्यक मात्रा के लिए बोली लगा सकें.

स्टाक की जमाखोरी रोकने के लिए व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के अंतर्गत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है और ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसैसरों की आटा मिलों की नियमित जांच/निरीक्षण किया जा रहा है. 5 सितंबर, 23 तक देशभर में ऐसी 898 जांचें की जा चुकी हैं.

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