बाड़मेर: इस जिले में लगातार बढ़ रहे अनार बागबानी क्षेत्रफल और किसानों की आय बढ़ाने का बड़ा जरीया अनार बागबानी अब किसानों के हाथों से फिसलने लगी है, जहां अनार बागबानी में अत्यधिक रसायन के इस्तेमाल से निर्यात न हो पाने से भाव नहीं मिल रहे हैं, तो अब लंबे समय तक ज्यादा रासायनिक उपयोग के चलते अनार के पौधों का इम्यून सिस्टम भी जवाब देने लग गया है, जो पौधे 20 से 25 वर्ष तक पैदावार देते थे, वह पौधे 8-10 सालों में ही हांफने लगे हैं और किसान उन पौधों को उखाड़ने भी लग गए हैं.

भारत सरकार के 10,000 एफपीओ योजना के सहयोग से निर्मित किसान उत्पादक कंपनी थारमणि और्गैनिक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, गुड़ामालानी ने बाड़मेर व जालौर जिलों के अनार उत्पादक किसानों की इस गंभीर समस्या को समझते हुए समाधान के प्रयास शुरू किए हैं, जिस के तहत देश के नामी व परिणाम देने मंे सक्षम रहे जैविक कृषि गुरु और कृषि विशेषज्ञ ताराचंद बेलजी को बाड़मेर मंे अनार बागबानी किसानों को सहयोग के लिए आमंत्रित कर किसानों को प्रशिक्षण देने व रसायनों के बेतहाशा इस्तेमाल की जगह जैविक विकल्प देने के प्रयास में आगामी 13 व 14 मार्च को गुड़ामालानी में दोदिवसीय जहरमुक्त अनार प्रशिक्षण तय किया है.

ताराचंद बेलजी, जिन्होंने स्वयं के अनुसंधानों व जैविक तरीके से अभी तक देशभर में 38 फसलों का जैविक तरीके से रिकौर्ड उत्पादन लेने में सफलता हासिल कर चुके हैं.

प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए निर्मित ब्रोसर व बैनर का विमोचन 4 मार्च को जिला कलक्टर, बाड़मेर कार्यालय में कलक्टर प्रशांत जैन, संयुक्त निदेशक, कृषि, पदम सिंह भाटी, गुड़ामालानी प्रधान बिजलाराम चैहान, आडेल प्रधान प्रतिनिधि नगाराम बेनीवाल, भारतीय किसान संघ संभाग प्रचार प्रमुख व थारमणि चेयरमैन प्रहलाद सियोल, थारमणि सचिव दुर्गादास वैष्णव व डायरैक्टर रिड़मल राम देवासी द्वारा किया गया.

इस मौके पर जिला कलक्टर प्रशांत जैन ने भारत सरकार की एफपीओ योजना का अधिक से अधिक किसानों को लाभ लेने व जैविक खेती को जमीन, फसल व किसान हित में प्रोत्साहित करने का आह्वान किया.

पदम सिंह भाटी, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग ने अनार बागबानी में अत्यधिक रसायनों के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करते हुए एफपीओ के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक व जैविक विकल्पों के उपयोग पर बल देने व जागरूकता के साथ समय की मांग के अनुसार खेती करने की बात कही.

थारमणि एफपीओ चेयरमैन प्रहलाद सियोल ने बताया कि अनार बागबानी में किसानों के सामने रसायनों के विकल्प, सामूहिक प्रयासो की कमी, जैविक उत्पादों की बिक्री की समस्या है, जिसे थारमणि एफपीओ अनार किसानों को कैमिकल रसायनों के विकल्प के रूप में जैविक उत्पाद व देशी फार्मूलों का सटीक व सफल परिणाम देने वाले उत्पादों को किसानों तक उपलब्ध कराने, अनार किसानों को संगठित करने व जैविक अनार उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने का काम करने के तहत प्रशिक्षण के माध्यम से किसान, जमीन व अनार बागबानी जहर से छुटकारा पा कर जैविक व प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ जीवन व कम खर्च में अधिक उत्पादन ले सकें, ऐसा प्रयास किया जा रहा है. अगर कोई अनार बागबान इस प्रशिक्षण में शामिल होना चाहते हैं, वह प्रहलाद सियोल के मोबाइल नंबर 9001171800 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं.

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