Summer Special : यकीनन मौसमी फलों व सब्जियों की इनसानी जिंदगी में बेहद अहमियत होती है. इन्हें हर घर में रोजाना के खाने में शामिल किया जाता है. कई फलों व सब्जियों के मुरब्बे बना कर उन्हें लंबे अरसे तक खाया जाता है. ये मुरब्बे जायके में किसी मिठाई से कम नहीं होते और अपनी ठंडी तासीर की वजह से गरमी के मौसम में ये बेहद फायदेमंद साबित होते हैं.

तमाम पोषक तत्त्वों और एंटीआक्सीडेंट खूबियों से भरपूर मुरब्बे सेहत के लिहाज से लाजवाब होते हैं. तंदुरुस्ती के लिहाज से फायदेमंद होने के साथसाथ ये मुरब्बे अन्य कई मामलों में भी बेमिसाल होते हैं. मुरब्बों के सेवन से शरीर की सुंदरता भी बढ़ती है. ये शरीर की ऊर्जा में भी काफी इजाफा करते हैं. आयुर्वेदिक इलाज व यूनानी इलाज में मुरब्बों को बतौर दवा भी इस्तेमाल किया जाता है. अपनी ठंडी तासीर की वजह से ये गरमी की तमाम बीमारियों में असरदार साबित होते हैं.

यहां पेश हैं कुछ खास मुरब्बों से जुड़ी जानकारियां व उन की खूबियां, ताकि लोग उन का इस्तेमाल कर के लाभ उठा सकें:

आंवले का मुरब्बा

आंवले के मुरब्बे को मुरब्बों का सरताज माना जाता है. वैसे भी अमृतफल कहे जाने वाले आंवले में गुणों का भंडार होता है, इसीलिए इस का मुरब्बा भी खास होता है. आंवला विटामिन सी, अमीनो अम्ल, लिपिड, जस्ता और तांबा से भरपूर होता है. इस के किसी भी रूप में लगातार इस्तेमाल से इनसान का पाचनतंत्र व इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहता है. यह फेफड़ों की सेहत भी सुधारता है, इसीलिए इस के इस्तेमाल से सांस संबंधी तकलीफें दूर होती हैं. अपने एंटीआक्सीडेंट गुणों की वजह से यह दिल और लीवर की तकलीफों में भी आराम पहुंचाता है.

वैसे तो अच्छी तरह धो कर कच्चा आंवला खाना सब से अच्छा होता है, मगर बहुत से लोग ऐसा नहीं कर पाते. कई लोगों को कच्चा आंवला खाना कठिन लगता है. मगर किसी बंगाली रसगुल्ले सा नजर आने वाला आंवले का मुरब्बा बच्चे, बूढ़े और जवान सभी चाव से खाते हैं. एक बार बनाने या खरीद कर लाने के बाद यह काफी समय तक खराब नहीं होता है और इसे नियमित रूप से दवा या मिठाई के रूप में लगातार खाया जा सकता है.

आंवले के मुरब्बे में पाया जाने वाला विटामिन सी शरीर में आयरन व कैल्शियम के अनुपात को दुरुस्त रखता है. इस के इस्तेमाल से सर्दीजुकाम और खांसी में आराम मिलता है और बलगम की शिकायत भी दूर हो जाती है. आंवले के मुरब्बे के सेवन से केश यानी बालों की सेहत में काफी सुधार होता है. इस के इस्तेमाल से जोड़ों का दर्द भी ठीक हो जाता है.

आंवले का मुरब्बा एक कुदरती टानिक है. इस के इस्तेमाल से बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है और याददाश्त बेहतर होती है. इस के इस्तेमाल से गर्भवती महिलाओं में खून की कमी दूर होती है और खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा में इजाफा होता है.

नियमित रूप से आंवले का मुरब्बा खाने से बाल झड़ने और बेवक्त बाल सफेद होने जैसी दिक्कतें भी दूर होती हैं. इस के इस्तेमाल से पित्त में आराम मिलता है. आंवले के मुरब्बे के इस्तेमाल से नजर कमजोर नहीं होती और बदन पर झुर्रियां भी नहीं पड़तीं.

बेल का मुरब्बा

अच्छी तरह पके हुए बेल को भी लोग बतौर फल चाव से खाते हैं. बेल का शरबत भी काफी लोगों द्वारा पसंद किया जाता है. अलबत्ता कभीकभी धोखे से मतौना बेल (बेल की एक नशा लाने वाली नस्ल) खा लेने से खाने वाले की हालत खराब हो जाती है.

वैसे औषधीय गुणों से भरपूर बेल में मौजूद टेनिन और रेचक गुण हैजा, पेचिश व डायरिया की तकलीफों में बहुत आराम पहुंचाते हैं. विटामिनों व खनिज तत्त्वों से भरपूर फल बेल का मुरब्बा भी बहुत फायदेमंद होता है.

बेल के मुरब्बे का जायका भी काफी अच्छा होता है. इस के नियमित इस्तेमाल से पेट की तकलीफों में काफी आराम पहुंचता है. इस का लगातार इस्तेमाल करने से पाचनतंत्र पूरी तरह से दुरुस्त हो जाता है.

कच्चे आम का मुरब्बा

आम की महिमा के बारे में कौन नहीं जानता  इसे कच्चेपक्के यानी हर रूप में खाया जाता है. चटनी, अचार, आम पन्ना व फल के रूप में आम का घरघर में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.

इसी कड़ी में कच्चे आम से बनने वाले मुरब्बे की भी काफी अहमियत है. फिनोलिक नामक एंटीआक्सीडेंट गुण से भरपूर कच्चे आम का मुरब्बा शरीर की रोगप्रतिरोधक कूवत में इजाफा करता है.

यह एसीडिटी दूर करता है और पाचन की दिक्कतें भी ठीक करता है. पेचिश, दस्त और कब्ज की परेशानियों में कच्चे आम का मुरब्बा बहुत फायदेमंद साबित होता है. इस के इस्तेमाल से बैक्टीरियल संक्रमण भी दूर हो जाता है.

कच्चे आम के मुरब्बे में पाए जाने वाले विटामिन ए, बीटा कैरोटीन, विटामिन ई और सेलेनियम दिल के रोगों में फायदा पहुंचाते हैं.

कच्चे आम के मुरब्बे से आंखों की तकलीफों में भी फायदा होता है. चूंकि इस में काफी मात्रा में आयरन तत्त्व मौजूद हैं, इसलिए यह हीमोग्लोबिन की कमी भी दूर करता है. इसी वजह से यह गर्भवती औरतों और खून की कमी वालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

चूंकि कच्चे आम का मुरब्बा कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी से भरपूर होता है, लिहाजा यह हलके लोगों का वजन बढ़ाने में कारगर साबित  होता है. यह महज वजन ही नहीं बढ़ाता, बल्कि शरीर को पूरी तरह तंदुरुस्त बनाता है और काम करने की कूवत में इजाफा करता है.

Summer Specialगाजर का मुरब्बा

कच्ची गाजरें चबा कर अपनी आंखों की ज्योति बढ़ाने वाले खूब मिल जाएंगे. गाजर के जूस के कायल भी बहुतेरे होते हैं. इसी कड़ी में गाजर का मुरब्बा भी लाजवाब होता है. एंटीआक्सीडेंट तत्त्वों से भरपूर गाजर के मुरब्बे के नियमित इस्तेमाल से हाई ब्लडप्रेशर का खतरा कम हो जाता है. यह दिल के रोगों के लिए भी कारगर साबित होता है.

गाजर का मुरब्बा लंबी बीमारी से उठे व्यक्ति के शरीर को तंदुरुस्त बनाने में मददगार साबित होता है. यह शरीर में आयरन की मात्रा दुरुस्त कर के खून की कमी सही करता है. गाजर के मुरब्बे से पेट की जलन और दर्द में भी आराम मिलता है. इस के इस्तेमाल से भूख न लगने की दिक्कत भी दूर हो जाती है.

गाजर के मुरब्बे में मौजूद बीटा कैरोटिन व विटामिन ए जैसे पोषक तत्त्व कैंसर को रोकने में मदद करते हैं. इस से रतौंधी में भी फायदा होता है. इस में मौजूद बीटा कैरोटिन सूरज की अल्ट्रा वायलेट किरणों से त्वचा की हिफाजत करता है.

हरड़ का मुरब्बा

हरड़ को गुणों की खान माना जाता है. इस के मुरब्बे के लगातार इस्तेमाल से जख्म जल्दी भरते हैं. यह घाव की सूजन को सही करता है.

हरड़ के मुरब्बे के इस्तेमाल से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं और पाचन की गड़बड़ी भी दूर हो जाती है. इस के इस्तेमाल से भूख न लगने की शिकायत भी दूर हो जाती है.

जठरांत्र रोगों, ट्यूमर, बवासीर, पेशाब संबंधी रोगों और मूत्राशय की पथरी में हरड़ के मुरब्बे का इस्तेमाल काफी फायदा पहुंचाता है. हरड़ के मुरब्बे को गुड़ के साथ खाने से गठिया की तकलीफ में काफी आराम मिलता है.

सेब का मुरब्बा

सेब अपनेआप में एक बेहद खास किस्म का इज्जतदार फल है. तमाम डाक्टर रोजाना 1 या 2 सेब लगातार खाने की सलाह देते हैं, पर अकसर सेब 200 से 300 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिकता है. ऐसे में हर कोई चाह कर भी डाक्टर की सलाह पूरी नहीं कर सकता. आम लोगों के लिए 50 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम का सेब लेना ही कठिन होता है, पर अमीर लोग कितना भी महंगा सेब रोजाना खा सकते हैं.

इसी सेब का मुरब्बा भी बेहद गुणी होता है. सेब का मुरब्बा महंगा तो मिलता है, मगर सेहत के लिहाज से लाजवाब होता है. इस के लगातार इस्तेमाल से शरीर की तमाम तरह की तकलीफें दूर हो जाती हैं. खासतौर पर इस के इस्तेमाल से खून की कमी कतई दूर हो जाती है और शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा भरपूर हो जाती है. सेब का मुरब्बा जायके में लाजवाब होता है.

चंद सावधानियां

वैसे तो सभी तरह की मुरब्बे सेहत के लिए अच्छे होते हैं, मगर इन में कैलोरी व शुगर काफी मात्रा में होती है. इसी वजह से इन का इस्तेमाल सोचसमझ कर करना चाहिए. आमतौर पर 1 चम्मच मुरब्बे में 8-10 मिलीग्राम कैल्शियम, 1-2 मिलीग्राम विटामिन सी और 12-15 आइयू विटामिन ए होता है. कितना मुरब्बा खाना सेहत के लिए सही रहेगा, यह बात अपने डाक्टर से पूछ लेना बेहतर होता है.

जो लोग किसी खास बीमारी से पीडि़त न हों, वे तो स्वाद के मुताबिक कम या ज्यादा मुरब्बा खा सकते हैं, मगर बीमार लोगों को इस बारे में सावधान रहना चाहिए. अगर किसी को सर्दीजुकाम व बुखार हो, तो स्वस्थ होने तक उसे ठंडी तासीर वाले मुरब्बों से परहेज करना चाहिए.

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