Agricultural Machinery : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 जून, 2025 को ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत पंजाब के किसानों से मिले. जहां उन्होंने खेतों में जा कर फसल और उत्पादन का जायजा लिया. साथ ही, पटियाला के अमरगढ़ का दौरा कर कृषि यंत्रों के कारखाने में विभिन्न कृषि मशीनों, यंत्रों और उपकरणों का अवलोकन भी किया.

इस मौके पर पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. एमएल जाट, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा. सतबीर सिंह गोसाल, डा. बसंत गर्ग, सचिव, पंजाब कृषि विभाग, वैज्ञानिक व अधिकारी कार्यक्रम में शामिल रहे.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि एक वैभवशाली भारत, एक गौरवशाली भारत, एक संपन्न भारत, एक समृद्ध भारत, एक शक्तिशाली भारत, यही हमारी परिकल्पना है और कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.

वर्तमान में चौथी तिमाही में देश ने 7.5 फीसदी की विकास दर हासिल की है, जिस में 5.4 फीसदी योगदान कृषि क्षेत्र का है. आज अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की 18 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है. आज भी देश की 50 फीसदी आबादी की आजीविका का स्रोत्र कृषि ही है.

उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हम जो प्रमुख काम करना चाहते हैं, उस में 145 करोड़ के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, खाद्य सुरक्षा के साथसाथ पोषण से भरपूर आहार उपलब्ध कराना, खेती को किसानों के लिए फायदेमंद बनाना और भारत को विश्व में फूड बास्केट के रूप में स्थापित करना शामिल है.

उन्होंने कहा कि मैं पंजाब की धरती को बारंबार नमन करता हूं. देश के अन्न भंडार भरने में पंजाब के किसानों का बहुत योगदान है. एक समय था जब हम अमेरिका का निम्न गुणवत्ता वाला गेहूं खाने के लिए मजबूर थे, लेकिन आज स्थिति में ऐसा सुधार आया है कि हम अच्छे गुणवत्ता वाले गेहूंचावल का उत्पादन भी कर रहे हैं और विदेशों में भी इस का निर्यात कर रहे हैं. आज भारत के बासमती चावल की विदेशों में अत्यधिक मांग है. लेकिन हमें और आगे बढ़ना है. इसलिए हमारा लक्ष्य है समृद्ध किसान और विकसित खेती.

Agricultural Machinery

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि उत्पादन बढ़ाने और उत्पादन की लागत कम करने जैसे दो काम हमें एक साथ ले कर चलने होंगे. उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छे बीज जरूरी हैं, जिस के लिए उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों को बदलती जलवायु के अनुसार अधिक तापमान सहनशीलता वाले बीज विकसित करने का निर्देश दिया.

उन्होंने कहा कि शोध आधारित जलवायु अनुकूल खेती की दिशा में हमें आगे बढ़ना होगा. खेती के लिए अब आधुनिकतम तकनीकों और पद्धतियों को अपनाना होगा. इस से उत्पादन भी बढ़ेगा और श्रम लागत भी घटेगी. साथ ही, कटाई के साथसाथ रोपाई भी अब मशीनों से हो सकती है. अब बहुउद्देशीय हार्वेस्टर (फसल कटाई मशीन) उपलब्ध है, जिस से किसानों को लागत और श्रम की बचत में काफी लाभ हो रहा है.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि के माहौल को बदलना है तो हमें ठोस कदम उठाने होंगे. साथ ही, समस्याओं का समाधान निकालना होगा. हमारे नवाचारों से निर्मित मशीनें आज देश के साथसाथ विदेशों के लिए भी कारगर सिद्ध हो रही है. उन्होंने बताया कि हाल ही में, मैं ब्राजील यात्रा पर गया था. वहां भी आधुनिक यंत्रों का कृषि में इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन भारत और विदेश की खेती की स्थितियों में काफी अंतर है. हमारे देश के किसानों के खेत का क्षेत्रफल दुनिया के अन्य किसानों के खेतों के क्षेत्रफल की तुलना में काफी कम है.

इसलिए हमें दुनिया को कृषि यंत्र निर्यात करने की दिशा में भी काम करना होगा. जिस के लिए राज्य सरकारों को भी मिल कर काम करना होगा. हमें विदेशों की जरूरत के अनुसार निर्यात के लिए कृषि यंत्र बनाने चाहिए और साथ ही अपने देश के छोटी जोत वाले किसानों के लिए भी कृषि यंत्र बनाने पर जोर देना होगा. साथ ही, यह ध्यान रखना होगा कि इन यंत्रों की कीमत भी ऐसी होनी चाहिए जिसे हमारे किसान बिना आर्थिक दबाव के खरीद सकें.

इस के साथ ही, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सब्सिडी पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सब्सिडी उन्हें ही मिलनी चाहिए जो असल में उस के हकदार हैं. साथ ही, उन्होंने कहा कि मशीनीकरण को ले कर विस्तार से चर्चा की जाएगी. उद्योग जगत के लोगों से भी मिल कर इसे नई दिशा देने का काम किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि वैश्विक स्पर्धा करने लायक कृषि यंत्रों का अब हमारे अपने देश में निर्माण हो रहा है. खेती की हर समस्या का समाधान किसान भाइयोंबहनों से बातचीत के बाद ही तय किया जाएगा, ताकि भारत आगे बढ़ सके और हम दुनिया को नई दिशा दिखा सकें.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...