क्या आप जानते हैं कि आईएफएस (Integrated Farming System) फॉर्मिंग मॉडल क्या है? इसे अपनाकर कैसे छोटे किसान बन रहे हैं धनवान और अब वे केवल फसल पर ही निर्भर नहीं हैं. पढ़े यह लेख –

Integrated Farming System (आईएफएस) क्या है?

Integrated Farming System : आईएफएस यानी इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम (IFS) एक ऐसी एकीकृत कृषि प्रणाली है जिसे अपनाकर छोटे किसान अपनी खेती को अधिक उत्पादक और लाभकारी बना रहे हैं. इस मॉडल ने न केवल किसानों की आजीविका सुरक्षित की है, बल्कि मौसम और जलवायु की अनिश्चितताओं से भी उनकी रक्षा की है.

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, प्रधानमंत्री-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) के तहत वर्षा-सिंचित क्षेत्र विकास (RAD) इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन कर रहा है. यह योजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित आईएफएस (Integrated Farming System) मॉडलों के माध्यम से सतत कृषि उत्पादन को बढ़ावा देती है.

आईएफएस मॉडल की विशेषताएं और लाभ

• कृषि का विविधीकरण किया जाना, जिससे फसल के साथ बागबानी, पशुधन, मत्स्यपालन, मधुमक्खीपालन और कृषि-वानिकी को जोड़कर आय बढ़ाई जा सके.

• मौसम और जलवायु से सुरक्षा प्रदान करना, ताकि सूखा-प्रवण क्षेत्रों में अनुकूलन क्षमता बढ़े.

• मृदा और जल संरक्षण की अहमियत हो, जिससे वर्षा जल संचयन और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मदद मिले.

• आईएफएस अपनाने वाले किसानों के लिए प्रति क्लस्टर 10,000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करना.

छोटे किसानों को मुनाफा

केवीके प्रशिक्षण और प्रदर्शन के तहत वर्ष 2024-25 में 4,416 प्रदर्शन आयोजित किए गए और 96,013 किसानों को विभिन्न आईएफएस (Integrated Farming System) मॉडल पर प्रशिक्षित किया गया.

आईएफएस मॉडल अपनाने वाले किसानों की आमदनी में कई गुना वृद्धि हुई है. उदाहरण के तौर पर 1 हेक्टेयर जमीन वाले किसान ने गेहूं और धान के साथ आम और नीबू की बगिया लगाई, तालाब में मछलीपालन शुरू किया और बकरीपालन से नियमित आय सुनिश्चित की. अब ऐसे किसान केवल फसल पर निर्भर नहीं हैं और मौसम की मार से भी सुरक्षित हैं.

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