Organic Product: भारत अब विश्व की तीसरी बड़ी स्टार्टअप अर्थव्यवस्था है और आज नया दौर है, नया भारत है. आज भारत दुनिया का स्टार्टअप हब बन चुका है और युवा नौकरी मांगने की जगह नियोक्ता बना रहे हैं. देश के कई स्टार्टअप जैविक उत्पादों को बाजार में उतार रहे हैं और ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से बड़े पैमाने पर लोगों की थाली तक पहुंच रहे हैं.

कचरा बन रहा कमाई का जरिया

किसान की मेहनत से उगने वाले फूल जब पैरों तले रौंदे जाते हैं. ऐसे में इस कचरे को कारगर बनाने का काम कानपुर का ‘फूल नमक स्टार्टअप’ कर रहा है. यह भारत का पहला बायो मटेरियल स्टार्टअप है, जो मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों को रिसाइकल करके उनसे आर्गेनिक वर्मी कंपोस्ट का बना रहा है.

लोकप्रिय हो आर्गेनिक फूड प्रोडक्ट (Organic Product)

स्टार्टअप सीधे किसानों से जैविक उत्पाद खरीदते हैं. तमिलनाडु के विलेज ट्री स्टार्टअप ने जैविक उत्पादों से बने दर्जनों दक्षिण भारतीय पकवानों के उत्पाद तैयार किए हैं, वहीं हैदराबाद के स्टार्टअप मिलेनोवा ने मोटे अनाजों के जैविक उत्पादों में फल और सब्जियां मिल कर रेडी टू ईट स्नैक्स तैयार किए हैं. दुनिया के कई देशों के उपभोक्ता अब आर्गेनिक खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दे रहे हैं.

वैश्विक बाजार में भारत के कृषि उत्पादों की बढ़ रही मांग

आर्गेनिक कृषि उत्पादों (Organic Product) का सर्वाधिक निर्यात अमेरिका और यूरोपीय यूनियन को होता है और वैश्विक बाजारों में जिन उत्पादों की सर्वाधिक मांग है, उनमें अलसी, तिल, सोयाबीन, अरहर, चना, चावल, चाय और अनेक औषधीय पौधे शामिल हैं. कनाडा, ताइवान, दक्षिण कोरिया में भी इन उत्पादों की मांग बढ़ रही है.

Organic Product

जैविक खेती पोर्टल दे रहा बढ़ावा

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा जैविक खेती पोर्टल लांच किया गया है. जैविक खेती पोर्टल के माध्यम से जैविक किसानों को अपने उत्पाद बेचने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही जैविक उपज को पूरी दुनिया के उपभोक्ताओं तक पहुंचने में ई कामर्स अहम साबित हो रहा है और ग्राहकों को जैविक खेती वाले किसानों से जोड़ने में यह मजबूत साधन बन गया है.

पीएम प्रमाण योजना : तकनीक से तरक्की

जैविक कृषि स्टार्टअप के लिए ग्रामीण युवाओं को प्रोत्साहित करने डिजिटल तकनीक से खेती को बढ़ावा और कृषि क्षेत्र में भंडारण क्षमता में बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. पीएम प्रमाण योजना की शुरुआत भी की गई है, जिस में वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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