Pumping Machine : खेती की सबसे खास जरूरत सिंचाई होती है, जिसमें बारिश किसानों की भरपूर मदद करती है. मगर महज बारिश के सहारे खेती कामयाब नहीं हो सकती. ऐसे में पंपिंग मशीन का ही सहारा रहता है, लेकिन पंपिंग मशीन खरीदने से पहले किसानों को इसके हर पहलू पर सोच लेना चाहिए.
अक्सर किसानों के सामने यह परेशानी रहती है कि वे कौन सी पंपिंग मशीन खरीदें? सस्ती, बेहतर काम करने वाली और टिकाऊ पंपिंग मशीन की पहचान कैसे की जाए? किस कंपनी के सेट में क्या खूबियां और कमियां हैं? किस सेट को खरीदने पर कितनी छूट मिलती है? ज्यादातर किसान अपने गांव के किसी दोस्त, रिश्तेदार, दुकानदार या मिस्त्री की सलाह पर पंपसेट खरीद लेते हैं.
पंपिंग मशीन खरीदने से पहले जाने उसकी ताकत
पंपिंग मशीन खरीदने से पहले किसान को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि, कोई भी मशीन एक निश्चित पानी के बहाव की कूवत और ऊंचाई (जिस गहराई से पानी को उठा का जिस ऊंचाई तक ले जाना हो, उन दोनों के बीच की दूरी) के लिए बनाई जाती है. अगर ऊंचाई ज्यादा होगी तो पंप कम पानी छोड़ेगा. इसी तरह से अगर ऊंचाई पंप की डिजाइन से कम होगी तो पंप अपनी कूवत से ज्यादा पानी तो दे देगा, पर इस से पंप पर लोड बढ़ता है. इससे धीरे-धीरे उस के पानी देने की ताकत कम होती जाएगी. इसलिए किसानों को याद रखना चाहिए कि कोई भी पंप उस ऊंचाई और बहाव दर पर ही बेहतरीन नतीजा देगा, जिस के लिए उसे डिजाइन किया गया है.

कितने तरह की होती हैं पंपिंग मशीन
बाजार में 5 तरह के पंप मौजूद हैं. इनके नाम हैं सेंट्रीफ्यूगल पंप, टरबाइन पंप, प्रोपेलर पंप, मिक्सड फ्लो पंप और सबमर्सिबल पंप. किसान सिंचाई के लिए सब से ज्यादा सेंट्रीफ्यूगल पंप का इस्तेमाल करते हैं. यह कई परिस्थितियों में काम कर सकता है. यह पंप अपनी पूरी कूवत के साथ तभी काम करता है, जब इसे पानी की सतह के ज्यादा से ज्यादा करीब रखा जाता है.इसका इस्तेमाल तभी करना चाहिए.
जब ऊंचाई 4 मीटर से ज्यादा हो. पानी को काफी गहराई से उठाने के लिए टरबाइन और सबमर्सिबल पंप काफी कारगर हैं. जहां सेंट्रीफ्यूगल पंप को लगाने में दिक्कतें आती हैं, वहीं इन दोनों पंपों को आसानी से लगाया जा सकता है.
कैसे करें पंपिंग मशीन का चुनाव
पंप खरीदते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि मोटर या इंजन पंप की कूवत के मुताबिक हो. दोनों का हॉर्स पावर बराबर हो और मोटर के प्रति मिनट के चक्करों (आरपीएम) की संख्या पंप के लिए ठीक हो. मिसाल के तौर पर अगर पंप 1440 चक्कर प्रति मिनट के लिए बना हो, तो उसमें 1440 चक्कर प्रति मिनट की ही मोटर या इंजन लगाना चाहिए. बढि़या पंप के साथ बढि़या पाइप फिटिंग और वाल्व का इस्तेमाल करने से खर्च में काफी बचत हो जाती है.





