Milk Plant : केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने पिछले दिनों कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शालीमार कन्वेंशन सैंटर में आयोजित एक समारोह में कहा कि नीली क्रांति, मत्स्यपालन व जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना जैसी प्रमुख योजनाओं ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मूकश्मीर में मत्स्यपालन प्रणाली को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो बड़ी उपलब्धि है.
इस अवसर पर जम्मूकश्मीर के कृषि उत्पादन और पंचायती राज मंत्री जाविद अहमद डार, पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय व केंद्र और जम्मूकश्मीर प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथसाथ कश्मीर घाटी के विभिन्न क्षेत्रों से आए किसान भी मौजूद थे.
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने ग्रामीण आय और पोषण सुरक्षा के इंजन के रूप में जम्मूकश्मीर के पशुधन और मत्स्यपालन क्षेत्रों के विकास के लिए भारत सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि देश भर में 10 करोड़ से अधिक किसान अपनी आजीविका के लिए पशुधन पर निर्भर हैं, जिन में से 90 फीसदी से अधिक डेयरी पशु छोटे और सीमांत किसानों के पास है और यह क्षेत्र ग्रामीण घरेलू आय में 12-26 फीसदी का योगदान देता है, जिस में डेयरी क्षेत्र की भागीदारी में 70 फीसदी से अधिक है. उन्होंने बताया कि डेयरी सहकारी सदस्यता में 32 फीसदी महिलाओं की हिस्सेदारी है, जो समावेशी विकास में डेयरी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि जम्मूकश्मीर में दूध उत्पादन में 47 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जहां 2014-15 में दूध उत्पादन 19.50 लाख टन था वह 2023-24 में बढ़ कर 28.74 लाख टन हो गया है. जबकि केंद्र शासित प्रदेश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 413 ग्राम प्रतिदिन है.
मछलियों के गुणवत्तापूर्ण बीज सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने जम्मूकश्मीर सरकार के लिए डेनमार्क से रेनबो और ब्राउन ट्राउट मछलियों के 13.40 लाख आनुवंशिक रूप से उन्नत अंडे (ओवा) के आयात की सुविधा प्रदान की है. इस से ट्राउट मछलीपालकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मछली बीज की उपलब्धता में काफी सुधार हुआ है. इस का उत्पादन 2020-21 में 650 मीट्रिक टन से बढ़ कर 2023-24 में 2,380 मीट्रिक टन हो गया है, जो की 266 फीसदी की बढ़ोतरी को दर्शाता है.
इस से पहले श्रीनगर में सिविल सचिवालय में एक बैठक में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह और जम्मूकश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संयुक्त रूप से जम्मूकश्मीर के पशुपालन और मत्स्यपालन क्षेत्रों की एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने सतवारी जम्मू में 50 हजार टन प्रतिदिन क्षमता वाले अल्ट्रा हाई टैंमपरेचर (यूएचटी) दूध प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया.
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि हम आज यहां आप की चुनौतियों को सुनने, समझने और साथ मिल कर काम करने के लिए आए हैं. जहां गुंजाइश है, वहां काम होना चाहिए. उन्होंने केंद्र और जम्मूकश्मीर सरकार के बीच संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया, ताकि संभावनाओं को परिणामों में बदला जा सके. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास तभी हासिल किया जा सकता है जब आर्थिक विकास टिकाऊ आजीविका के माध्यम से जमीनी स्तर तक पहुंचे.
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंग ने आगे कहा कि आज युवाओं को सूक्ष्म और लघु स्तर के पशुधन व मत्स्यपालन उद्यम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने से रोजगार निर्माण व समावेशी विकास किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण और किसानों को बाजारों से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड जैसे प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों को शामिल करते हुए एक विस्तृत योजना तैयार की जा रही है.
उन्होंने लोगों को यह भी बताया कि भारत सरकार ने हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 852 करोड़ रुपए देने की प्रतिबद्धता जताई है, जिस में विशेष रूप से जम्मूकश्मीर के लिए 300 करोड़ रुपए शामिल हैं. इस से उत्पादन, उत्पादकता, बुनियादी ढांचे और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सकेगा.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि जम्मूकश्मीर का सालाना मछली उत्पादन 2013-14 में 20,000 मीट्रिक टन से बढ़ कर 2024-25 में 29,000 मीट्रिक टन हो गया है, जबकि ट्राउट मछली उत्पादन 262 मीट्रिक टन से बढ़ कर 2,380 मीट्रिक टन हो गया है, जो 800 फीसदी से भी अधिक की बढ़ोतरी है. उन्होंने कहा कि ट्राउट मछली बीज का उत्पादन 9 मिलियन से बढ़ कर 15.2 मिलियन हो गया है, जबकि कार्प मछली बीज उत्पादन 40 मिलियन से बढ़ कर 63.5 मिलियन हो गया है.
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि मत्स्यपालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि के माध्यम से शीत जल मत्स्यपालन में 120 करोड़ रुपए से अधिक के निजी निवेश का समर्थन किया गया है. साथ ही, जम्मूकश्मीर की शीत जल मत्स्यपालन की अपार संभावनाओं को देखते हुए मंत्रालय ने अनंतनाग को शीत जल मत्स्यपालन क्लस्टर के रूप में औपचारिक रूप से नामित किया है, जिस में कुलगाम और शोपियां साझेदार जिले हैं, जो स्थायी आजीविका उत्पन्न करने के लिए एकीकृत मूल्यश्रृंखला विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चरण-II के तहत जम्मूकश्मीर में एक एकीकृत एक्वा पार्क के लिए 100 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जो समग्र शीत जलीय कृषि विकास के लिए एक मौडल के रूप में काम करेगा.