Balanced Diet : वह आहार जिस में पशुओं के लिए जरूरी सभी पोषक तत्त्व सही मात्रा में मौजूद हों, उसे पशुओं का संतुलित आहार कहते हैं. किसानों को पशु आहार के जरूरी तत्त्वों के बारे में खास जानकारी नहीं होती. उन्हें शिक्षा व प्रशिक्षण के जरीए यह जानकारी देने की जरूरत है.
खानपान की अहमियत
* संतुलित खानपान अच्छे दूध उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है.
* संतुलित खानपान के द्वारा पशुओं में होने वाले तमाम रोगों को रोका जा सकता है.
* यह पशुओं की सेहत सही रखता है और रोग प्रतिरोधी कूवत को बनाए रखता है.
* ज्यादा दूध उत्पादन के कारण पशु में पैदा हुए तनाव को भी संतुलित आहार खिला कर दूर किया जा सकता है.
* संतुलित आहार के जरीए पशु को सभी जरूरी पोषक तत्त्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज तत्त्व, विटामिन वगैरह प्राप्त होते हैं.
* संतुलित आहार हरे व सूखे चारे और दानों से तैयार होता है, लिहाजा यह बहुत ही स्वादिष्ठ व सेहत के लिए कारगर होता है.
कुल मिश्रित राशन
चारों और दानों को मिला कर जो राशन तैयार किया जाता है, उसे कुल मिश्रित राशन कहते हैं. इस राशन में आहार की जरूरी चीजों को इस अनुपात में मिलाया जाता है कि उस के द्वारा प्राप्त होने वाले पोषक तत्त्वों से पशु की मांग पूरी की जा सके.
राशन के फायदे
* कुल मिश्रित राशन खिलाने से पशु के उत्पादन में 5-8 फीसदी का इजाफा होता है.
* इसे खिलाने से भोजन का पाचन सही रहता है.
* दाने व चारे को अलगअलग खिलाए जाने के बजाय मिश्रित राशन खिलाने से आहार इस्तेमाल दर 4 फीसदी तक बढ़ जाती है.
* पशुओं के विभिन्न वर्गों के लिए आहार में ज्यादा तत्त्वों को इस्तेमाल करने का मौका मिलता है.
* कम चीजों द्वारा तैयार पशु आहार खिलाने के मुकाबले संपूर्ण मिश्रण खिलाने से पाचन की गड़बड़ी को भी सही रखा जा सकता है.
* खनिज तत्त्वों व विटामिनों को अलग से देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि संपूर्ण मिश्रित आहार में ये पहले से ही मौजूद होते हैं.
* बेस्वाद चीजों को भी इस के साथ मिला कर पशुओं को खिलाया जा सकता है.
* आहार के भंडारण व परिवहन की लागत को भी कम किया जा सकता है.
* इसे खिलाने से कम लागत पर अच्छी आमदनी मिलती है.
कुछ खास बातें
* आहार नांद साफसुथरी और बारिश से बचाने वाली जगह पर होनी चाहिए.
* पशु के रहने की जगह आरामदेह होनी चाहिए, ताकि उसे गरमी व हवा के तनाव से बचाया जा सके.
* राशन में जरूरी प्रोटीन व नमक के स्तर की जांच करा लेनी चाहिए.
* पानी की जरूरत (200 लीटर प्रति गाय) और उस की क्वालिटी का खयाल रखना चाहिए.
* ज्यादा उत्पादन वाली गायों के लिए पंखों व फव्वारों का इंतजाम होना चाहिए.
* राशन के रेशों के स्तर की जांच करा लेनी चाहिए.
* चारे की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए.
* पशुओं के तमाम वर्गों के लिए अलगअलग संपूर्ण मिश्रित राशन होना चाहिए.
संपूर्ण मिश्रित राशन में दुधारू गायों के लिए तय प्रोटीन स्तर तालिका में दिया है.