पिछले कुछ सालों से खेती में जिस तरह से किसानों का लगातार नुकसान हो रहा है, उस से खेती से उन का धीरेधीरे मोह भंग होता जा रहा है इसलिए सरकार भी किसानों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

गरीब किसानों के लिए भैंस पालना काफी महंगा है, ऐसे लोगों के लिए बकरीपालन ज्यादा बेहतर होता है. बकरीपालन में कम बजट में अधिक फायदा कमाया जा सकता है.

आज के समय में लोग शौकिया तौर पर शहरों में भी बरबरी बकरी पाल रहे हैं. इस के लिए वे लोग घर की छतों का इस्तेमाल करते हैं.

गायभैंस की तरह बरबरी बकरी को भी एक जगह बांध कर पाला जा सकता है. अगर आप बकरी पालना चाहते हैं तो बरबरी बकरी सब से अच्छी होती है. जहां जमुनापारी 22 से 23 महीने में, सिरोही 18 महीने में गाभिन होती है, वहीं बरबरी महज 11 महीने में ही तैयार हो जाती है. बरबरी बकरी से साल में 2 बार बच्चे ले सकते हैं, जबकि दूसरी नस्ल की बकरियों में ऐसा नहीं है.

पूरी दुनिया में बकरियों की कुल 102 प्रजातियां हैं. इन में से महज 20 प्रजातियां ही भारत में हैं. 19वीं पशुगणना के मुताबिक, भारत में 7.61 करोड़ बकरियां हैं, वहीं जानकारों का मानना है कि किसानों की नासमझी की वजह से बरबरी बकरी विलुप्त होने के कगार पर है.

अगर किसान फिर से इस नस्ल की बकरी पालें तो तादाद बढे़गी, साथ ही आमदनी का एक अच्छा और सस्ता जरीया भी होगा.

शरीर की बनावट

बरबरी बकरी मध्यम कद की होती है, लेकिन इस का शरीर काफी गठीला होता है. शरीर पर छोटेछोटे बाल होते हैं. सफेद रंग के साथ शरीर पर भूरा या सुनहरे रंग का धब्बा होता है. इस की नाक और कान बहुत ही छोटे होते हैं. इस के कान खड़े रहते हैं. मैदान के गरम इलाकों के अलावा इसे पहाड़ के ठंडे इलाकों में भी आसानी से पाला जा सकता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...