उदयपुर : 26, अगस्त. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक मात्स्यकी महाविद्यालय में बीएफएससी तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम के तहत इंटरनेशनल डवलपमेंट प्रोग्राम/राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (आईडीपी/एनएएचईपी) के अंतर्गत 6 दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण मछली पकड़ने की तकनीक पर आयोजित किया गया.
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. बीके शर्मा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत नीली क्रांति को बढ़ावा एवं छात्रों के कौशल विकास हेतु 6 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन 21 अगस्त से 26 अगस्त तक किया गया.
प्रशिक्षण हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय मात्स्यकी प्रौद्योगिकी संस्थान की पूर्व निदेशक डा. लीला एडवीन ने विषय विशेषज्ञ के रूप में छात्रों को संबंधित विषय पर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया.
इस प्रायोगिक प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को समुद्री एवं मीठे पानी में मछलियों के पकड़ने की विभिन्न कलाओं एवं उन में काम में आने वाले विभिन्न प्रकार के जालों, इन के निर्माण एवं उन से संबंधित आवश्यक सामग्री और पारंपरिक नौकाओं के साथसाथ आधुनिक एवं यांत्रिक नौकाओं के अलावा सूर्य के प्रकाश से चालित आधुनिक नौकाओं एवं उन में काम आने वाली विभिन्न प्रकार की सामग्री एवं उपकरणों एवं समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं से बचने एवं सुरक्षित नौका संचालन से संबंधित विस्तृत जानकारी चलचित्र एवं पावर प्वाइंट प्रदर्शन के द्वारा प्रदान की गई.
डा. बीके शर्मा, अधिष्ठाता, मात्स्यकी महाविद्यालय एवं सहायक प्राध्यापक डा. सुमन ताकर ने छात्रों को मत्स्य प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रायोगिक कामों का प्रशिक्षण दिया.
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर प्रोफैसर वीएस दुर्वे, पूर्व विभागाध्यक्ष, सरोवर विज्ञान विभाग में छात्रों को इस तरह के कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण से प्राप्त की गई जानकारी से मात्स्यकी के क्षेत्र में होने वाले नवाचारों को अपनाते हुए मात्स्यकी के क्षेत्र में राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए अपना योगदान प्रदान करने का आह्वान किया एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय मात्स्यकी प्रौद्योगिकी संस्थान की पूर्व निदेशक डा. लीला एडवीन का गहन प्रशिक्षण देने हेतु आभार व्यक्त किया.