Green Fodder: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कृषि मेला ‘रबी’ के समापन समारोह के अवसर पर लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डा. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस वर्ष कृषि मेले का जो विषय (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) रखा गया गया है, वह वर्तमान समय की मांग है और उन्होंने बताया कि पशुपालन क्षेत्र में भी प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन महत्त्वपूर्ण है. हरे चारे (Green Fodder) की अधिक पैदावार के लिए हमें उन्नत किस्में और साईलेज तकनीक अपनानी होगी. गोबर और बायोगैस का उपयोग कर हम ऊर्जा व खाद दोनों प्राप्त कर सकते हैं. पशुओं को संतुलित आहार, खनिज मिश्रण और उचित देखभाल दे कर हम दूध उत्पादन और उन की सेहत को बेहतर बना सकते हैं.
उन्होंने पशुपालकों से कहा कि वे अपने खेत और पशुधन को संसाधन नहीं, बल्कि पूंजी समझें. यदि हम जल, मिट्टी, वनस्पति और पशुओं की सही देखभाल करेंगे तो यही संसाधन हमें दोगुनीतिगुनी आय देंगे.
डा. विनोद कुमार वर्मा ने इस दौरान कहा कि पशुपालन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से ही किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सकती है. इसी उद्देश्य से लुवास ने महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं. लुवास विश्वविद्यालय द्वारा दुग्ध प्रसंस्करण, खनिज मिश्रण निर्माण और आधुनिक पशुपालन तकनीकों पर प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं, जो स्वरोजगार और आय वृद्धि के लिए उपयोगी हैं.
डा. विनोद कुमार वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय पशुपालन से संबंधित पशुपालकों की सभी समस्याओं के हल के लिए तत्पर है. पशुपालक विश्वविद्यालय या इस के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों की मदद ले कर अपने पशुओं के उत्पादन में वृद्धि, नस्ल सुधार आदि अपना कर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं.
किसान मेले में लुवास के कुलपति डा. विनोद कुमार वर्मा ने लुवास के विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया. इन स्टालों के माध्यम से विश्वविद्यालय की नवीनतम शोध और तकनीक किसानों तक पहुंचाई गई. पशुपालकों ने लुवास स्टालों में गहरी रुचि दिखाई और मौके पर विशेषज्ञों से पशु रोग संबंधी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया.
इस दौरान विस्तार शिक्षा निदेशक डा. राजेश खुराना विस्तार शिक्षा निदेशालय से डा. सरिता, जनसंपर्क अधिकारी डा. निलेश सिंधु व लुवास के अन्य अधिकारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे.