नई दिल्ली : पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने पशुपालन और डेयरी से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं, जिस में उन्होंने बताया कि किसानों के दरवाजे पर ही कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, जिस के तहत 5.71करोड़ पशुओं को शामिल किया गया है, 7.10करोड़ कृत्रिम गर्भाधान किए जा चुके हैं और इस कार्यक्रम के अंतर्गत 3.74 करोड़ किसानों को लाभ हुआ है. वहीं देश में आईवीएफ प्रौद्योगिकी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिस के तहत के तहत अब तक 19248 भ्रूण पैदा किए गए और 8661 भ्रूण स्थानांतरित किए गए. साथ ही, 1343 बछड़ों का जन्म हुआ.

सैक्स सौर्टेड सीमेन या लिंग वर्गीकृत वीर्य तैयार करने का आंकड़ा

मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने बताया कि देश में 90 फीसदी तक सटीकता के साथ केवल मादा बछिया के जन्‍म के लिए सैक्स सौर्टेड सीमेन या लिंग वर्गीकृत वीर्य तैयार करना शुरू किया गया है. कार्यक्रम के अंतर्गत सुनिश्चित गर्भावस्था पर किसानों के लिए 750 रुपए या सौर्टेड सीमेन की लागत का 50 फीसदी सब्सिडी उपलब्ध है.

डीएनए आधारित जीनोमिक चयन

मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने स्वदेशी नस्लों के विशिष्ट जानवरों के चयन के लिए इंडसचिप विकसित किया है और रेफरल आबादी तैयार करने के लिए चिप का उपयोग कर के 25,000 जानवरों का जीनोटाइप किया है. दुनिया में पहली बार भैंसों के जीनोमिक चयन के लिए बफचिप विकसित किया गया है और अब तक रेफरल आबादी बनाने के लिए 8,000 भैंसों का जीनोटाइप किया गया है.

पशु की पहचान और पता लगाने की क्षमता

मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने बताया कि 53.5 करोड़ जानवरों (मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर) की पहचान और पंजीकरण 12 अंकों के यूआईडी नंबर के साथ पौलीयुरेथेन टैग का उपयोग कर के की जा रही है.

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