बदलते मौसम में जैसेजैसे तापमान बढ़ेगा, मांस व अंडा उत्पादन के प्रभावित होने की संभावना है. वर्तमान समय में मांस और अंडे का उत्पादन प्रभावित न हो सके, इसलिए मुरगीपालकों को मुरगी फार्म में निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए :

* मुरगी फार्म में बायोसिक्योरिटी की व्यवस्था करें और फार्म के आसपास चूने का बुरकाव करें.

* यदि शेड में बिछावन पुराना या पपड़ीयुक्त हो, तो उसे तुरंत बदल दें.

* गरमी से बचाव के लिए मुरगी बाड़े में बोरे के परदे लगाएं और आवश्यकता पड़ने पर पानी का छिड़काव भी करते रहें.

* मुरगियों को फफूंदीरहित राशन ही खाने को दें.

* गरमी बढ़ने पर मुरगियों के आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें. यदि गरमी ज्यादा बढ़ती है तो मुरगियों को विटामिन ए, विटामिन बी कौंप्लैक्स और एंटीबायोटिक दवाओं को स्वच्छ व ताजा पानी में मिला कर दें और बरतनों की संख्या भी बढ़ा दें.

* दाना व पानी के बरतनों को सदैव कीटाणुनाशक से धो कर और धूप में सुखा कर ही प्रयोग करें.

* कम अंडे देने वाली मुरगियों की छंटनी (कलिंग) करें. मुरगियों के पेट में पडे़ कीड़ों की रोकथाम के लिए दवा दें.

गरमी का प्रभाव

*           अंडे का उत्पादन गिर जाता है.

*           अंडे का आकार छोटा हो जाता है.

*           लेयर मुरगी में बढ़वार कम होती है.

*           आहार ग्रहण करने की क्षमता कम होती है.

*           मुरगियों के अंदर बीमारियों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है.

*           अधिक गरमी से मुरगियों की मौत हो जाती है.

*           अंडे का छिलका पतला हो जाता है.

*           जल ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है.

गरमी में प्रबंधन

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