इन दिनों पौल्ट्री बाजार में दानों व राशन कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी के कारण ये लाभ की तुलना में घाटे का सौदा साबित हो रहा है, फिर भी कुछ सावधानियों के साथ इस व्यवसाय को फिर से उबारा जा सकता है.

अंडा उत्पादक मुरगियों का राशन, टीकाकरण व अंडा उत्पादन और उन के परिवहन में रखी जाने वाली सावधानियां, जिन को अपना कर किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं.

मुरगियों का राशन

समुचित अंडा व मांस उत्पादन की दृष्टि से जरूरी है कि मुरगियों को उन की आवश्यकतानुसार आहार भी मिलना चाहिए. आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, खनिज, लवण और विटामिन सभी तत्त्व मौजुद होने चाहिए.

मुरगीपालक को दाना बाजार से खरीदने के बजाय खुद घर पर ही तैयार करना चाहिए. दानो में ऊर्जा का मुख्य स्रोत मक्का है, पर गेंहू, ज्वार आदि भी ऊर्जा के अच्छे स्रोत हैं और थोड़ी मात्रा में मक्का के साथ मिलाए जा सकते हैं.

सामान्यत: एक उन्नत नस्ल की मुरगी को 100-120 ग्राम दाने की प्रतिदिन जरूरत पड़ती है. 0-8 सप्ताह के चूजों के आहार में 21 प्रतिशत प्रोटीन, 9-20 हफ्ते के बड़े चूजों के आहार में 18 प्रतिशत प्रोटीन की आवश्यकता  होती है. मुरगियों को सांद्रता (कांस्टेंऊट) आहार के रूप में मछली का चूरा, सोयाबीन व मूंगफली की खल, विटामिन और लवण आदि खिलाने चाहिए.

घर के पिछवाड़े मुरगीपालन में मुरगियां अपना 40-50 प्रतिशत आहार आंगन, पिछवाड़े और आसपास गिरे हुए अन्न के दाने,  झाड़फूस के बीज, कीड़े, मवेशियों के चिचड़, कोमल घास और घर की जूठन के माध्यम से प्राप्त होती है. लेकिन इस के अलावा मुरगियों में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए कुछ अतिरिक्त आहार की जरूरत भी पड़ती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...