पौधशाला किसी पौधे की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होती है, जिस में वह खूब पनपती और किसान का उत्पादन बढ़ाती है. पौधशाला में पौध तैयार करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए :

* समय से ही खेत की जुताई कर के उस में गोबर, कंपोस्ट व बालू मिला कर अच्छी तरह तैयार कर लें.

* पौधशाला की क्यारी बनाते समय ध्यान रखें कि वह जमीन से 6-8 सैंटीमीटर उठी हो और चौड़ाई 80-100 सैंटीमीटर ही रखें.

* पौधशाला में ट्राइकोडर्मा व गोबर की खाद का मिश्रण अच्छी तरह से मिलाएं.

* जीवाणु आधारित स्यूडोसैल की 25 ग्राम प्रति वर्गमीटर के हिसाब से मिट्टी में मिला कर बोआई करें.

* पौधशाला में बीजों की बोआई करते समय बीज से बीज व लाइन से लाइन व बीज की गहराई का खास ध्यान रखें.

* पौधों को जमने के बाद ट्राइकोडर्मा 10 ग्राम एक लिटर पानी में घोल बना कर तैयार करें और समय पर छिड़काव करें.

* पौधशाला में पौधे उखाड़ते समय सही नमी होनी चाहिए.

* रोपाई के एक दिन पहले पौधों को ट्राइकोडर्मा 10 ग्राम प्रति लिटर पानी के हिसाब से खेत में छायादार जगह पर एक फुट गहरा गड्ढा खोद कर उस में पौलीथिन शीट बिछा कर नाप कर पानी भर दें और जरूरत के मुताबिक ट्राइकोडर्मा मिला लें, फिर उस में पौध के गुच्छे बना कर रातभर खड़ा कर दें, जिस से निकट भविष्य में फसल में रोग लगने का डर खत्म हो जाता है.

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