आज खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए खाद, पानी से पहले बीज की बारी आती है. खेती से अच्छी उपज हासिल करने के लिए बोते समय सेहतमंद बीज का इस्तेमाल करें. अशुद्ध बीज या इधरउधर से बीज ले कर बोना घाटे का सौदा हो सकता है क्योंकि ऐसे बीजों की कोई प्रमाणिकता नहीं होती.

खेत में सही बीज न बोने से खरपतवार वगैरह भी जल्दी उग आते हैं जो पैदावार हमें फसल से मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पाती. इसलिए किसानों को चाहिए कि वह बीज भरोसेमंद जगह से ही लें, प्रमाणित बीज खरीदें.

देश के कृषि वैज्ञानिक इस दिशा में हर रोज नए प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें हमें अपनाना चाहिए. यहां धान की कुछ उन्नत किस्मों की जानकारी दी गई है जिन्हें अपना कर किसान अच्छी फसल ले सकते हैं. किसानों को समयसमय पर अपने खेत की मिट्टी जांच जरूर करानी चाहिए और नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से खाद, बीज की भी जानकारी लेनी चाहिए.

उन्नत पूसा बासमती

(पूसा बासमती 1460)

यह झुलसा प्रतिरोधक किस्म है. अधिक उपज देने वाली बासमती धान की यह उन्नत किस्म?है. धान की यह किस्म पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए मुफीद है. इस की उपज 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलती है और फसल तैयार होने का समय 135 से 140 दिन है.

कीट और रोग प्रभाव : इस में जीवाणु पर्ण झुलसा प्रतिरोधक क्षमता को समाहित कर के एक्स ए 13 और एक्स ए 21 जीनों को मिला कर खास विधि से विकसित किया गया है. पकने में इस के दानों की गुणवत्ता बहुत अच्छी?है, दूधिया दानों की तादाद 10 फीसदी से कम पाई गई है.

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