भारत में सर्दी के मौसम में गोभीवर्गीय सब्जियों में मुख्यतया फूलगोभी और पत्तागोभी की अधिक खेती की जाती है, किंतु कुछ गोभीवर्गीय सब्जियां ऐसी भी हैं, जिन की मांग भारत के बाजारों में बढ़ रही है जैसे ब्रोकली, ब्रूसेल्स स्प्राउट, लाल पत्तागोभी, चाइनीस पत्तागोभी, गांठगोभी.

गोभीवर्गीय सब्जियां हों या अन्य फसल की खेती, इन्हें करने के लिए दिए गए बिंदुओं को जानना बहुत जरूरी है :

जलवायु

गोभीवर्गीय सब्जियों के लिए ठंडी जलवायु व नमी वाला मौसम सर्वोत्तम होता है.

पोषक तत्त्व

इन गोभीवर्गीय सब्जियों में विटामिन ए, सी और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इन सब्जियों से सब्जी के अतिरिक्त परांठे, सूप और अचार भी बनाया जाता है.

मिट्टी

गोभीवर्गीय सब्जियों की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टियों में की जाती है, किंतु बलुई दोमट मिट्टी गोभीवर्गीय सब्जियों के लिए मुफीद रहती है.

बोआई का तरीका

सब्जियों की बोआई 2 तरीके से होती है. कुछ सब्जी के बीजों को सीधा ही खेत में छिड़क कर या लाइन में बोआई की जाती है और कुछ बीजों की नर्सरी तैयार की जाती है. गोभीवर्गीय सब्जियों की नर्सरी तैयार करने के पश्चात पौधरोपण किया जाता है.

नर्सरी

नर्सरी तैयार करने के लिए नर्सरी वाले खेत को समतल बनाना चाहिए. इस के लिए खेत की 2-3 जुताइयां करने के बाद खेत में छोटीछोटी क्यारियां बनानी चाहिए. क्यारियां 10 से

15 सैंटीमीटर ऊंची होनी चाहिए और 2 क्यारियों के बीच में एक जल निकास के लिए नाली होनी चाहिए.

पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर खेतों में ढलान पाई जाती है और कुछ स्थानों में मिट्टी ठोस होती है. यदि इस प्रकार की कोई समस्या होती है, तो क्यारियों की ऊपरी सतह पर बालू का छिड़काव कर क्यारियां बनानी चाहिए. क्यारियों में बीज बोने के बाद उसे पौलीथिन शीट से या घास से ढक देना चाहिए.

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