गन्ने से अच्छी पैदावार लेने के लिए उन्नत प्रजाति को चुनना और बोआई के लिए कृषि यंत्रों का इस्तेमाल, संतुलित पोषक तत्त्व प्रबंधन और सहफसली खेती करना जरूरी है.

गन्ने की फसल लेना मालीतौर पर किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि उन्नत तकनीक अपना कर ही उत्पादन को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है. उत्पादन में ज्यादा इजाफा इस तरह भी किया जा सकता है:

गन्ने की 1 एकड़ बोआई में खादों का इस्तेमाल:

* गोबर की खाद-25 क्विंटल.

* डीएपी-50 किलोग्राम.

* यूरिया-30 किलोग्राम.

* माइक्रोन्यूटैंट-13-500.

* सल्फर-3 किलोग्राम.

* एजो फास्फोरस-1 लिटर फास्फोरस.

* ट्राइकोडर्मा-1 लिटर.

* पोटाश-50 किलोग्राम.

नोट-: अच्छे नतीजे लाने के लिए मिश्रण बोआई से 2 हफ्ते पहले मिला कर छाया में रखें.

खेत की करें तैयारी

* सब से पहले खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करें. उस के बाद हैरो टिलर से जुताई करें.

* गहरी जुताई करने के बाद 5 फुट की गहराई पर कूंड़ निकालें.

बीज का चयन

* गन्ने का बीज मोटा, ताजा, लंबी पोरी वाला, 8-10 महीने वाला व उन्नत प्रजाति का हो.

* गन्ने की नीचे की 3-4 पोरी बीज में न लें.

* गन्ने का बीज जड़ वाला गिरा हुआ चूहे द्वारा काटा हुआ, चोटीबेधक कीट व बीमारी से बिलकुल ग्रसित न लें.

* गन्ने का बीज टूटनेफूटने से बचाने के लिए बीज को एक जगह से दूसरी जगह पर अगोला व पत्ती सहित ही ले जाएं.

* गन्ने की आंखें धूप से बचाएं.

* गन्ने की आंखों के ऊपर से पत्ती पूरी तरह साफ करें.

* गन्ने के बीज को 2 ही आंख के टुकड़ों में काटें.

* गन्ने के बीज के टुकड़े काटने के बाद जल्दी से जल्दी कूंड़ों में डाल कर मिट्टी से ढक दें वरना इस के जमाव पर असर पडे़गा.

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