बेमौसम बारिश, आंधी, तूफान, ओला जैसी प्राकृतिक आपदा आने पर सब से पहले इस का फसलों पर बुरा असर पड़ता है. हरीभरी लहलहानी खड़ी फसल तबाह हो जाती है और किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर जाता है. लेकिन अब गेहूं फसल लेने वाले किसानों के लिए गेहूं की एक खास विकसित प्रजाति मौजूद है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी ने विकसित किया है. गेहूं की यह नई प्रजाति कुदरत-9 है, जिस के बारे में उन का कहना है कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी गेहूं की फसल लहलहाती दिखाई देगी. फसल पर न तो आंधीतूफान का असर होगा, न ही अधिक बारिश व पाले से कोई नुकसान. उलटे इतना सब झेलने के बाद भी प्रति एकड़ अधिकतम 28 से 32 क्विंटल तक का उत्पादन होगा. किसानों को यह अजूबा लग सकता है, मगर यह सच है.

उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव टडि़या, जिला वाराणसी के प्रगतिशील किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी द्वारा तैयार देशी बीज की इन्हीं विशेषताओं के कारण जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के वैज्ञानिकों ने गेहूं कुदरत-9 देशी बीज को दूसरे प्रचलित बीजों की अपेक्षा बेहतर बता कर अधिक उत्पादन के साथ मानव स्वास्थ्य के लिए सेहतमंद प्रजाति का प्रमाणीकरण भी दिया है. किसानों की तरक्की के रास्ते खोलने वाले किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी को पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया है.

पेटेंट प्रजाति कुदरत-9

प्रकाश सिंह रघुवंशी ने इस खास प्रजाति कुदरत-9 बीज का पेटेंट भी करा दिया है. शायद वे देश के पहले ऐसे किसान हैं, जिन के बीज का पेटेंट भारत सरकार ने किया है.

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