बढ़ता प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के बुरे असर से हम सभी प्रभावित होते हैं और कोई भी इस से अछूता नहीं है. हम सभी आने वाली पीढि़यों के लिए एक स्वच्छ पर्यावरण विरासत में देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसीलिए लाइफ मूवमेंट आंदोलन को जनआंदोलन बनाने की हर नागरिक और सरकारों की जिम्मेदारी समझनी चाहिए. आइए जानते हैं कि लाइफ मूवमेंट आंदोलन क्या है और हम सब इस आंदोलन में कैसे भागीदारी कर सकते हैं.

तीन आर रीड्यूस-रीयूज-रीसाइकिल

इस अभियान का मकसद एक ऐसी जीवनशैली को अपनाना है, जो पर्यावरण के अनुरूप हो. यह अभियान के सिद्धांतों को अपनाने का आग्रह करता है. साथ ही, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने पर ध्यान देने की बात करता है.

इसी पहल के संदर्भ में ‘लाइव ग्लोबल कौल फौर पेपर’ की शुरुआत भारत सरकार की तरफ से की गई है. इस में शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों से विचारों और सुझावों को आमंत्रित किया जाता है. अगर हम सब परिवर्तन यानी बदलाव चाहते हैं, जो पर्यावरण को स्वच्छ बनाए तो शुरुआत खुद से ही करनी होगी. हमारी जीवनशैली अभी भी स्थायी पारंपरिक प्रथाओं पर आधारित है, जो संरक्षण, पुन:प्रयोग और पुन:चक्रण (रीड्यूस रीयूज एंड रीसाइकिल) पर है. इसी वजह से भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक औसत से 60 फीसदी कम है.

छोटेछोटे बदलाव से ही होता है बड़ा बदलाव

ऊर्जा संरक्षण : एलईडी बल्ब का उपयोग, जहां तक संभव हो, पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे मैट्रो ट्रेन, बस का उपयोग करना, आसपास जाने के लिए साइकिल का प्रयोग, एसी का तापमान 24 डिगरी सैल्सियस रखना, अगर बिजली के उपकरणों का उपयोग न कर रहे हों, तो प्लग स्विच औफ कर देना, प्रेशर कुकर का प्रयोग करना, फ्रिज को नियमित रूप से डीफ्रोस्ट करना, ट्रेडमिल की जगह पार्क में दौड़ना, बायोगैस पर खाना बनाना और बिजली के लिए प्रयोग करना आदि.

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