Agriculture and Horticulture : आज के युवा अकसर कैरियर  विकल्प चुनते समय भ्रमित रहते हैं. ज्यादातर छात्र मेडिकल, इंजीनियरिंग या आईटी जैसे चर्चित क्षेत्रों की ओर आकर्षित होते हैं, परंतु बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जिन में अपार संभावनाएं होते हुए भी उन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता है. एग्रीकल्चर (कृषि विज्ञान) और हौर्टिकल्चर (उद्यानिकी विज्ञान) ऐसे ही दो क्षेत्र हैं जो भविष्य में न केवल व्यक्तिगत उन्नति का माध्यम बन सकते हैं, बल्कि देश की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाने में भूमिका निभा सकते हैं.

भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है. लेकिन कृषि अब परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं रही है. आज यह विज्ञान, तकनीक और नवाचार से जुड़ चुकी है. जैव प्रौद्योगिकी, संवर्धित बीज, ड्रिप सिंचाई, स्मार्ट फार्मिंग, जैविक खेती और स्मार्ट एग्रीकल्चर उपकरण जैसे नवाचारों ने इसे एक पेशेवर और वैज्ञानिक क्षेत्र बना दिया है.

एग्रीकल्चर और हौर्टिकल्चर में बीएससी एग्रीकल्चर/ हौर्टिकल्चर, एमएससी और पीएचडी जैसे पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थी इस क्षेत्र में गहराई से अध्ययन कर सकते हैं. कई प्रतिष्ठित संस्थान जैसे आईसीएआर, आईएआरआई, केवीके और राज्य कृषि विश्वविद्यालय उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्रदान करते हैं. इस के अलावा, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्तियां भी इस क्षेत्र को आकर्षक बनाती हैं.

हौर्टिकल्चर, जो कि फलों, फूलों, सब्जियों, सजावटी पौधों और औषधीय पौधों की वैज्ञानिक खेती से जुड़ा है उस का आज तेजी से विकास कर रहा है. वर्तमान में फ्लोरीकल्चर, एरोमा इंडस्ट्री और हर्बल उत्पादों की वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है. इस से जुड़ी प्रोसैसिंग यूनिट्स, एक्सपोर्ट हाउस और फार्मिंग स्टार्टअप्स के लिए यह क्षेत्र रोजगार के नए द्वार खोल रहा है.

आज के युवाओं के पास यह अवसर है कि वे नौकरी की तलाश से आगे बढ़ कर कृषि उद्यमिता की ओर कदम बढ़ाएं. मशरूम उत्पादन, और्गेनिक फार्मिंग, वर्टिकल गार्डनिंग, ग्रीनहाउस तकनीक, बीज बैंक और बायोफर्टिलाइजर निर्माण जैसे विकल्प उन्हें आत्मनिर्भर बना सकते हैं.

सरकारी संस्थाओं, बैंकों, एनजीओ और निजी कंपनियों में कृषि अधिकारी, उद्यान विकास अधिकारी, कृषि सलाहकार, रिसर्च एसोसिएट, फील्ड औफिसर जैसी नौकरियों की भरपूर संभावनाएं हैं. आज कृषि और हौर्टिकल्चर एक ऐसा क्षेत्र है जहां आप प्रकृति से जुड़ कर विज्ञान का प्रयोग कर सकते हैं. यह न केवल जीविका का साधन है, बल्कि समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण, और स्वास्थ्य सुधार का भी माध्यम है.

आज आवश्यकता है कि युवा पारंपरिक सोच से हट कर नवाचारी और स्थाई कैरियर  की ओर बढ़ें. कृषि और उद्यानिकी उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करते हैं जहां वे रुचि, सेवा और सफलता तीनों को एक साथ पा सकते हैं.

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