वर्तमान दौर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाने वाली खेती व उस से जुड़ी दूसरी खेती आधारित चीजों के लिए संकटों से जूझ रहा है. देश की एकतिहाई आबादी खेती व उस से जुड़े व्यवसायों से रोजगार हासिल कर रही है. इस के बावजूद सरकार की प्राथमिकता में खेती अपनी जगह बनाने में नाकाम साबित हो रही है.

सरकार की जो योजना चल भी रही है, वह भी नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार से जूझ रही है. ऐसे में किसानों का हताश होना लाजिमी है.

तमाम किसान अब खेती से किनारा करते जा रहे हैं क्योंकि इस से अब उन की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं. यही वजह है कि ज्यादातर किसान अपने बच्चों को किसान बनते नहीं देखना चाहते हैं इसलिए घाटे से जूझ रहे किसान अपनी खेती लायक जमीनें बेच कर उन्हें नौकरियों के लिए तैयार कर रहे हैं.

देश में सब से ज्यादा आबादी नौजवानों की है. लेकिन इन नौजवानों में से बहुत कम ऐसे  हैं जो खेती या खेती से जुड़े धंधों को अपना रहे हैं. इस की अहम वजह है कि खेतीबारी का घाटे का सौदा साबित होना. वहीं दूसरी वजह किसानों को सही सम्मान न मिल पाना है.

देश में अगर खेती को बचाना है तो उसे फायदे का सौदा बनाने के लिए इजराइल की तर्ज पर उन्नत तकनीक व मशीनीकरण को बढ़ावा देना होगा. इस के लिए जरूरी है कि कृषि शिक्षा को बढ़ावा मिले तभी नौजवान इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाश पाएंगे.

इन्हीं मकसद को ले कर दिल्ली प्रैस की किसानों की प्रिय पाक्षिक पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ द्वारा किसानों और नौजवानों को खेतीबारी से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने में सब से आगे है. यही वजह है कि यह पत्रिका प्रसार के मामले में देश में बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है.

‘फार्म एन फूड’ पत्रिका अपने लेखों के जरीए खेती को उन्नत बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं खेती से मुंह मोड़ रहे नौजवानों को भी खेती व उस से जुड़े व्यवसायों व नौकरियों से जुड़ी जानकारी मुहैया करा रही है, ताकि देश का नौजवान तबका दूसरे व्यवसायों की तरह कृषि क्षेत्र में भी अपना कैरियर बना सके.

‘फार्म एन फूड’ पत्रिका द्वारा इसी कड़ी में 12वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रछात्राओं को ‘कृषि शिक्षा और कृषि में कैरियर’ विषय पर उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सिलसिलेवार कैरियर, काउंसलिंग कार्यशालाओं का आयोजन किया गया. इस के माध्यम से जानकार माहिरों ने इन छात्रछात्राओं को कृषि क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार व नौकरियों से जुड़े जरूरी सुझाव दिए.

इन स्कूलों में हुआ आयोजन : ‘फार्म एन फूड जौन डियर कृषि कैरियर काउंसलिंग कार्यशाला’ का आयोजन बस्ती जिले के 4 स्कूलों में तकरीबन 500 छात्रछात्राओं के साथ किया गया. इस में आवास विकास कालोनी स्थित डान वास्को स्कूल, अक्षरा स्किल डवलपमैंट सैंटर, जीवीएम कांवैंट स्कूल, इंडियन पब्लिक स्कूल शामिल रहे.

इन विषयों पर दी गई जानकारी : ‘फार्म एन फूड जौन डियर कृषि कैरियर कार्यशाला’ में न केवल कृषि क्षेत्र में हो रही संभावनाओं पर जानकारी दी गई बल्कि कृषि विषय व उस से जुड़े दूसरे विषयों जैसे पशुपालन, कृषि इंजीनियरिंग, पशु चिकित्सा, मत्स्यपालन, मिट्टी की सेहत जैसे तमाम विषयों में विश्वविद्यालयों और कालेजों में पढ़ाए जाने वाले कोर्सों, शुल्क व एडमिशन प्रक्रिया की जानकारी भी छात्रछात्राओं को मुहैया कराई गई.

विशेषज्ञों ने छात्रों के सवालों के दिए जवाब : कार्यशाला में जिन कृषि माहिरों ने छात्रों को सुझाव दिए, उन में नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय, फैजाबाद से जुड़े कृषि विज्ञान केंद्र, बंजरिया, बस्ती के कृषि वैज्ञानिक राघवेंद्र विक्रम सिंह, कैरियर काउंसलर धर्मेंद्र कुमार पांडेय, प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र, राजेंद्र सिंह, रिटायर्ड बैंक अधिकारी बृजेंद्र पाल प्रमुख रहे.

इस दौरान छात्रछात्राओं ने इन माहिरों से यह सवाल किया कि खेतीबारी में पैसे के साथ शोहरत कैसे कमाई जाए? इस के जवाब में कृषि विशेषज्ञ डाक्टर राघवेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि कृषि क्षेत्र में पशु चिकित्सक, पशु विज्ञानी, कृषि इंजीनियर, उद्यान विशेषज्ञ, फूड प्रोसैसिंग, मत्स्य विशेषज्ञ जैसे पदों पर भरतियां की जाती हैं. इस में दूसरे विभागों की अपेक्षा न केवल भारीभरकम तनख्वाह है बल्कि शोहरत भी खूब कमाई जा सकती है. इस के लिए विश्वविद्यालय व कालेज लैवल पर तमाम कोर्स चलाए जा रहे हैं.

छात्रा रूपम सिंह द्वारा पूछे गए सवाल कि हम किसान के रूप में खेती से फायदा कैसे कमाएं के जवाब में प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र व किसान राजेंद्र सिंह ने खेती में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करने की सलाह दी.

छात्र आलोक चौधरी ने सवाल पूछा था कि निजी कंपनियों में कृषि विशेषज्ञों के लिए किस तरह की संभावनाएं हैं? इस के जवाब में कैरियर काउंसलर धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय लैवल पर कृषि यंत्रों के निर्माण, कीटनाशक, उर्वरक आदि तमाम कंपनियों में भारीभरकम तनख्वाह मुहैया है.

छात्र गौरव शुक्ल ने बैंकिंग सैक्टर में कृषि स्नातकों के लिए नौकरियों की संभावनाओं पर सवाल किया जिस के जवाब में रिटायर्ड बैंक अधिकारी बृजेंद्र पाल ने बताया कि कोई भी कृषि स्नातक बैंकों में फील्ड अफसर आदि पद के लिए अप्लाई कर सकता है.

छात्रों ने दिए फीडबैक : उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में ‘फार्म एन फूड जौन डियर कृषि कैरियर कार्यशाला’ का पहली बार आयोजन किया गया. इस का सकारात्मक असर छात्रों के ऊपर दिखा.

छात्र अमरजीत ने लिखा कि मुझे यह कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा. इस कार्यक्रम में बहुत से कृषि विभाग के बारे में बताया गया. मेरा विचार है कि मैं 12वीं के बाद कृषि विज्ञान में पढ़ाई कर वैज्ञानिक बनूं.

छात्रा रूपम सिंह ने लिखा कि यह आयोजन मुझे बहुत अच्छा लगा. इस से हम सभी को बहुत प्रेरणा मिली. हमें यह बताया गया कि डाक्टर, इंजीनियर के अलावा और भी कैरियर बनाने के रास्ते हैं. इन के बारे में हमें नहीं पता था. हमें इस से अवगत कराया गया और हमें बताया गया कि हम कृषि विज्ञान भी पढ़ सकते हैं और अपना कैरियर बना सकते हैं.

इन का रहा विशेष सहयोग : ‘फार्म एन फूड जौन डियर कैरियर कार्यशाला’ को कामयाब बनाने में भृगुनाथ त्रिपाठी ‘पंकज’, शुभ्रा सिंह, सचिंद्र शुक्ल, विशाल पांडेय, राजेश मिश्र, कैलाशनाथ दूबे, अमृत कुमार वर्मा (डब्लू वर्मा) व संतोष सिंह का विशेष योगदान रहा.

दिल्ली प्रैस की दूसरी पत्रिकाओं के भी हुए तमाम आयोजन

फार्म एन फूड के बैनर तले बस्ती व सिद्धार्थनगर जनपदों में ‘चंपक’ व ‘गृहशोभा’ पत्रिकाओं की तरफ से विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिस में सिद्धार्थनगर के स्मार्ट विलेज हंसुडी औसानपुर गांव में स्थित प्राइमरी विद्यालय के 200 छात्रछात्राओं के बीच ‘चंपक चाइल्ड क्रिएटिव कांटैस्ट’ का आयोजन हुआ, जिस में बच्चों ने ‘जल बचाओ जंगल बचाओ’ विषय पर चित्रकारी की. ग्राम प्रधान दिलीप कुमार त्रिपाठी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रछात्राओं को चंपक की तरफ से प्रमाणपत्र व गिफ्ट प्रदान किए.

चंपक की तरफ से बस्ती जिले के एसडीएस पब्लिक स्कूल, इंडियन पब्लिक स्कूल, जीवीएम पब्लिक स्कूल, रेडरोज कौंवेंट स्कूल, सावित्री विद्या विहार, डान वास्को स्कूल, एसपी चिल्ड्रेन एकेडमी, सैंट्रल एकेडमी, सहित कई स्कूलों में भी चंपक क्रिएटिव चाइल्ड कोंटैस्ट के आयोजन हुए. इस में छात्रछात्राओं को ‘चंपक’ की तरफ से प्रमाणपत्र व गिफ्ट दिए गए.

गृहशोभा प्रतियोगिता में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर लिया हिस्सा : ‘फार्म एन फूड’ की अगुआई में ही बस्ती जनपद के डान वास्को स्कूल, जीवीएम कौंवैंट स्कूल, पटेल एसएमएच होस्पीटल ऐंड आयुष पैरामैडिकल कालेज में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इस में प्रतिभागियों को गिफ्ट व प्रमाणपत्र दिए गए.

इस के साथ ही जनपद स्तर पर बस्ती प्रैस क्लब में गृहशोभा प्रतियोगिता के तहत मेहंदी, मेकअप, रंगोली, केश सज्जा, रोटी बेलो प्रतियोगिता और क्राफ्ट प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं.

इस दौरान अतिथि के रूप में सांसद हरीश द्विवेदी, विधायक दयाराम चौधरी, भोजपुरी ऐक्टर रविशंकर मिश्र, चिकित्सक डा. वीके वर्मा, अखिलेश दूबे, राणा दिनेश प्रताप सिंह, अवधेश त्रिपाठी, ग्राम प्रधान दिलीप कुमार त्रिपाठी, राजेंद्र नाथ त्रिपाठी की विशेष उपस्थिति रही.

इस प्रतियोगिता में निर्णायकों में प्रिया मेहंदीरत्ता, नीति श्रीवास्तव, बृज किशोर बरनवाल, रामा शर्मा ने प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन किया, जिन्हें अतिथियों के हाथों प्रमाणपत्र व पुरस्कार प्रदान किए गए.

इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में भृगुनाथ त्रिपाठी ‘पंकज’, शुभ्रा सिंह सचिंद्र शुक्ल, धर्मेद्र पांडेय, राधेश्याम चौधरी, विशाल पांडेय, विवेक पांडेय का योगदान सराहनीय रहा.

कार्यक्रम में राममूर्ति मिश्र, आज्ञाराम वर्मा, राजेंद्र सिंह, राघवेंद्र विक्रम सिंह, संजय विश्वकर्मा, डा. सर्वेष्ठ मिश्र, डा. कुलदीप सिंह, आलोक शुक्ल, अनूप शुक्ल, अनूप मिश्रा, राजकुमार शुक्ल की विशेष उपस्थिति रही.

आंखोंदेखी इन की जबानी

इस कार्यक्रम में हमें एक अलग ही प्रेरणा मिली. जिस कैरियर को हम हीनभावना से देखते थे मतलब हम किसान के प्रति हीनभावना रखते थे, आज इस कार्यक्रम में आ कर मेरे मन में किसानों के प्रति और भी ज्यादा सम्मान आ गया है  इस कार्यक्रम से हमें यह जानकारी मिली कि मैडिकल और इंजीनियरिंग के अलावा भी हमारे पास एक बहुत ही अच्छा कृषि कैरियर है जो कि आज के नवयुवक नहीं जानते हैं कि कृषि कैरियर भी बहुत अच्छा है.   -रूपांशी मिश्रा

मुझे यह प्रोग्राम बहुत अच्छा लगा और इस में मुझे एक नया रास्ता मिला, जिस से हम इस सैक्टर में जा सकते हैं. हमें शिक्षा में एक नई दिशा मिली.   – अविनाश पटेल

यह प्रोग्राम मुझे बहुत अच्छा लगा. इस आयोजन ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया. हमारे भविष्य को ले कर आप लोग इतने सजग हैं. आप लोगों ने हमें बहुतकुछ बताया कि हम अपने भविष्य में क्या करें. हमें किस क्षेत्र में जाना चाहिए. हमारे लिए और देश के लिए यह क्षेत्र लाभदायक है. हमें ऐसी बहुत सी बातें पता चलीं जो हम नहीं जानते थे. इस आयोजन से हमारा उत्साह बढ़ा है और कुछ करने की इच्छा हुई है.  -सुरभि सिंह

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