हमारे आसपास कई ऐसे पेड़पौधे होते हैं, जिन्हें हम बेकार समझ कर ध्यान नहीं देते हैं, जबकि इस में से कुछ ऐसे होते हैं, जो सेहत का खजाना होते हैं. इन में से बहुत से ऐसे पौधे होते हैं, जिन के पत्ते, फलफूल, तना व छाल का उपयोग खाने के साथ ही औषधियों के रूप में भी किया जाता है. ऐसा ही एक खास पौधा है लसोड़ा, जिसे कैरी गुंदा, गोंदी, निशा, रेठू या टेंटी के नाम से भी जाना जाता है.
लसोड़े का पौधा हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित पूरे भारत में पाया जाता है. यह पोषक तत्त्वों और औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इस के फल सुपारी के समान होते हैं.
लसोड़े के कच्चे फलों की बहुत ही स्वादिष्ठ सब्जी और अचार बनाया जाता है. इस के पके हुए फल मीठे होते हैं और इस के अंदर चिकना और मीठा गोंद होता है.
लसोड़े के फल में मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, फाइबर, आयरन, फास्फोरस व कैल्शियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. बहुत सी जगहों पर लसोड़े के फलों को सुखा कर चूर्ण बनाया जाता है, जिसे मैदा, बेसन और घी के साथ मिला कर लड्डू बनाए जाते हैं.
इसे मांस से भी 10 गुना ज्यादा ताकतवर माना जाता है. इस का सेवन शरीर के लिए बहुत ही उत्तम और ताकत से भरपूर होता है.
लसोड़े में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और फास्फोरस होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर को ताकत देता है. इस फल को खाने से शरीर में ताकत आती है और शरीर को कई अन्य बीमारियों से राहत मिलती है. इस फल का उपयोग मस्तिष्क को भी तेज करता है.