गरमी के दिनों में कहीं भी घूमने चले जाइए जो सब से ज्यादा बिकने वाली चीज है, वह शिकंजी ही है. ठेलों से ले कर दुकानों तक में इस को बिकते देखा जा सकता है. इस की सब से बड़ी वजह यह होती है कि शिकंजी गरमी के दिनों में सब से प्रमुख ऐनर्जी ड्रिंक होती है. यह प्यास बुझाने के साथसाथ शरीर को ऐनर्जी भी देती है.

गरमी में शरीर से पसीना बड़ी तेजी से निकलता है. इस से शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इस वजह से लू लगने का खतरा ज्यादा होता है. शिकंजी शरीर को गरमी से लड़ने की ताकत देती है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में शिकंजी का इस्तेमाल पहले से ही खूब होता रहा है. हाल के कुछ सालों में यह उत्तर भारत के दूसरे राज्यों में भी बिकती दिखने लगी है. शिकंजी और चीनी के शरबत में थोड़ा अंतर है. चीनी के शरबत में जब नमक पड़ जाता है तो वह शिकंजी बन जाती है.

कुछ लोग सादा नमक की जगह मसालेदार नमक वाली शिकंजी पीते हैं. शिकंजी में पड़ने वाला मसाला, जो काला नमक से तैयार होता है, वही उसे अलग बनाता है.

कुछ लोग काला नमक के साथ सौंफ और काली मिर्च को भी इस में मिलाते हैं, पर इस मसाले को इस तरह से तैयार किया जाता है कि इस में काला नमक का स्वाद ही आए. नीबू और बर्फ के साथ मिल कर शिकंजी पीने वाले को गरमी से राहत दिलाती है.

कुछ साल पहले तक शिकंजी दिल्ली और आसपास के इलाकों में खूब बनाई जाती थी पर अब यह उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और दूसरी जगहों पर भी बिकने लगी है.

शिकंजी गरमी के पेय पदार्थ में सब से तेजी से आगे बढ़ी है. यह आम लोगों के लिए रोजगार का साधन भी बन गई है.

शिकंजी का कारोबार करने के लिए ज्यादा बड़ी पूंजी की जरूरत नहीं पड़ती है. हाथ से चलने वाले एक ठेले में कुछ रखा जा सकता है. शिकंजी बेचने के लिए भीड़भाड़ वाली जगह को चुनना ठीक रहता है. इस की सब से ज्यादा बिक्री दिन में उस समय होती है जब गरमी हद पर होती है.

गरमी से बचने के लिए लोग शिकंजी पीते हैं. शिकंजी एक ओर पीने वाले की सेहत सुधारती है, वहीं शरीर में होने वाली पानी की कमी को भी पूरा करती है. दूसरी ओर शिकंजी बेचने वाले को मुनाफा कमाने का मौका दे कर उस की माली हालत को सुधारती है.

20 रुपए से 30 रुपए की लागत में बिकने वाली शिकंजी की कीमत आधे से भी कम होती है. जरूरत इस बात की है कि शिकंजी में काला नमक के साथ डाला जाने वाला मसाला ठीक से तैयार हो. इस का स्वाद अच्छा हो. इस को साफसुथरे तरीके से तैयार किया जाए.

काला नमक कई बार खिसकने लगता है जो स्वाद को बेस्वाद कर देता है. शिकंजी बनाते समय इस बात का खास खयाल रखना चाहिए.

शिकंजी में बर्फ उतनी ही मिलाएं जो पीने वाले को पसंद हो. कुछ लोग ज्यादा ठंडी शिकंजी पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में पीने वाले का ध्यान जरूर रखना चाहिए. शिकंजी को आमतौर पर नीबू के रस, नमक और चीनी को पानी में मिला कर तैयार किया जाता है.

शिकंजी केवल ठेले पर ही नहीं बिकती, बल्कि कुछ बड़े होटलों में भी यह गरमी के दिनों में मिलती है. वहां इस को नीबू के पतलेपतले टुकड़ों से सजाया जाता है. गरमी के दिनों में हराभरा अहसास दिलाने के लिए नीबू के पतले टुकड़े के साथ पुदीना की पत्ती से सजावट भी की जाती है.

शैली द्विवेदी कहती हैं कि गरमी में शिकंजी से अच्छा कोई पेय नहीं होता. यह शरीर को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाती. यह पानी से होने वाली कमी को पूरा भी करती है.

ऐसे बनाएं शिकंजी

4 गिलास शिकंजी बनाने के लिए 2 नीबू, 8 चम्मच चीनी, स्वादानुसार काला नमक और मसाला डालें. शिकंजी में बर्फ के टुकड़े डालने के बजाय मिक्सी में पानी के साथ मिलाना ठीक रहता है.

सब से पहले नीबू का रस निकाल लें. इस में चीनी मिला कर आपस में ठीक से मिला दें. पानी और बर्फ को मिक्सी में डाल कर मिला दें. इस में नीबू रस और चीनी वाला घोल डाल दें. अब काला नमक और मसाला डाल कर मिक्सी में मिला दें.

लो जी हो गई तैयार शिकंजी. गिलाज में डाल कर औरों को भी पिलाएं और खुद भी पीएं.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...