सोया पनीर यानी टोफू खाने में बड़ा ही टेस्टी होता है. इसे तैयार करने के लिए साफ, स्वच्छ सोयाबीन के दानों को 6 से 8 घंटे तक पानी में भिगोया जाता है. उस के बाद इस की पिसाई की जाती है, गरम पानी में उबाला जाता है व छानने से सोया दूध मिलता है. इसे कैल्शियम सल्फेट, मैग्नीशियम क्लोराइड, साइट्रिक एसिड से फाड़ कर साफ कपड़े के बीच दबा कर पनीर के चौकोर टुकड़े काट लिया जाता है. फिर साफ पानी में ठंडा कर पौलीथिन की थैलियों में पैक कर लिया जाता है.

अगर आप टोफू को तुरंत काम में ला रहे हैं तब तो ठीक है, अगर आप इसे ज्यादा समय तक रखना चाहते हैं तो साफ पानी में डुबो कर फ्रिज में रखिए. रोज पानी बदल दीजिए. आप यह टोफू इस तरह एक हफ्ते तक इस्तेमाल कर सकते हैं. फ्रिज न होने पर आप इसे ठंडे पानी में डुबा कर भी 7-8 घंटे तक महफूज रख सकते हैं.

प्रति 100 ग्राम पनीर में 8 ग्राम प्रोटीन, 6 ग्राम वसा, 4 ग्राम खनिज, तकरीबन 81 ग्राम नमी पाई जाती है. इस के प्रति 100 ग्राम पनीर में तकरीबन 102 कैलोरी ऊर्जा होती है.

ऐसे करें उपयोग

सोया पनीर यानी टोफू का इस्तेमाल दूध पनीर की तरह किया जाता है. इस को सब्जी, पुलाव, पकौड़े, कटलेट्स वगैरह में मिला कर या सिर्फ तेल में तल कर भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है. टोफू को आलू की सब्जी में मिलाने पर स्वादिष्ठ परांठा तैयार होता है.

वैसे तो दूध को फाड़ने के लिए कैल्शियम सल्फेट की जरूरत होती है, पर यह बाजार में आसानी से नहीं मिलता है, इसलिए टाटरी या नीबू का इस्तेमाल करते हैं. इस से बना टोफू एकदम नरम और स्वादिष्ठ होता है.

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