हिसार: लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत किसानों के लिए उन्नत दूध और दूध उत्पाद प्रसंस्करण पर एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति लुवास डा. विनोद कुमार वर्मा द्वारा किया गया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डा. विनोद कुमार वर्मा ने उपस्थित पशुपालक प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि डेयरी उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों की जीविका को बढ़ावा देने में अत्यधिक महत्त्व रखता है. यह लाखों किसानों के लिए आय का महत्त्वपूर्ण स्रोत है, विशेष रूप से महिला किसानों के लिए, जो डेयरी उत्पादन और दूध प्रसंस्करण में मुख्य भूमिका निभाती हैं. डेयरी क्षेत्र का महत्त्व अत्यधिक है, क्योंकि यह न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और पोषण में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देता है.

लुवास के कुलपति डा. विनोद कुमार वर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के परिवर्तनात्मक संभावनाओं पर जोर दिया और इसे डेयरी क्षेत्र में उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में माना. उन्होंने किसानों को दूध प्रसंस्करण में उन्नत जानकारी और कौशल के साथ संपन्न करने की महत्त्वता को भी जाहिर किया, जिस से ऐसे सशक्तीकरण से उन के उद्यमी प्रयासों को मजबूती मिल सकती है और उन की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को उन्नत किया जा सकता है.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि व अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा “किसानों के लिए उन्नत दूध और दूध उत्पाद प्रसंस्करण‘‘ नामक एक पुस्तिका का लोकार्पण भी किया गया .

कार्यक्रम की शुरुआत में डेयरी साइंस कालेज के अधिष्ठाता एवं पाठ्यक्रम निदेशक डा. सज्जन सिहाग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए किसानों को व्यावसायिक कौशल और व्यावसायिक जानकारी के साथ उन्नत दूध प्रसंस्करण तकनीकों में सशक्त करने के लिए तैयार किए गए व्यापक पाठ्यक्रम के बारे में अवगत कराया.

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