खेतीबारी की दुनिया में वर्टिकल फार्मिंग एक मल्टीलैवल तरीका है. इस की वजह है कि आज खेतीबारी की जमीन सिकुड़ रही है. आबादी लगातार बढ़ रही है. शहरों में बढ़ती आबादी को खपाने के लिए नईनई बस्तियां बन रही हैं. शौपिंग सैंटर बन रहे हैं. ऐसे में छत तो मिल जाएगी, पर बढ़ती आबादी का पेट कैसे भरेगा?
खेतीबारी व बागबानी के माहिरों ने इस का हल निकाल लिया है. अब मिट्टी के बिना कमरों और हवा में होगी भविष्य की खेती. कम होती खेतीबारी की जमीन को देखते हुए बहुत सी जगहों पर वर्टिकल फार्मिंग या खड़ी खेती का सफल प्रयोग किया जा रहा है.
इस की खास बात यह है कि इस में रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल नहीं होता है. सो, यह उत्पादन पूरी तरह से और्गेनिक ही होता है.
खड़ी खेती के जरीए कम जमीन पर हम अधिक उत्पादन का सफल प्रयोग कर सकते हैं. इस से कम जमीन वाले खेतिहर किसान को भी अच्छाखासा फायदा मिल सकता है. इस से किसानों की आमदनी को बढ़ाया भी जा सकता है.
कैसे की जाती है वर्टिकल फार्मिंग
खड़ी खेती या वर्टिकल फार्मिंग में एक बहुसतही ढांचा तैयार किया जाता है. इस ढांचे के सब से निचले हिस्से में पानी से भरा टैंक रख दिया जाता है. टैंक के ऊपरी खानों में पौधों के छोटेछोटे गमले या पौट रखे जाते हैं. पाइप द्वारा इन गमलों में उचित मात्रा में पानी पहुंचाया जाता है, ताकि पौधों को पोषक तत्त्व मिलते रहें, जो उन को जल्दी बढ़ने में मदद करते हैं. एलईडी बल्ब के जरीए कृत्रिम प्रकाश बनाया जाता है. वर्टिकल तकनीकी खेती में मिट्टी की जरूरत नहीं होती.