आमतौर पर गन्ने की बोआई शरदकाल में 15 अक्तूबर से 15 नवंबर माह के बीच या वसंत के मौसम में 15 फरवरी से 15 मार्च तक की जाती है. पहले साल गन्ना बीज से फसल बोआई की जाती है, उस के बाद अगले 2 सालों तक फसल काटने के बाद ठूंठ बचते हैं, उन ठूंठों में से दोबारा अंकुरण होता है और पैदावार मिलती है. इसे पेड़ी या खूंटी फसल कहते हैं.

पहली बार फसल पैदावार के मुकाबले दूसरे व तीसरे साल फसल उपज में कुछ कमी आ जाती है, लेकिन अगर फसल प्रबंधन का खास ध्यान रखा जाए तो ये फसलें भी पहले साल जैसी पैदावार दे सकती हैं.

गन्ने की खेती में काम आने वाले कृषि यंत्रों का प्रयोग कर किसान अपनी लागत में तो कमी ला ही सकता है, बल्कि अधिक मुनाफा भी कमा सकता है.

गन्ना लोडर

यह यंत्र गन्ने की कटाई के पश्चात इसे मिल पर पहुंचाने के लिए ट्रौली में लोड करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. यह यंत्र 55 हौर्सपावर की क्षमता या इस से अधिक क्षमता वाले ट्रैक्टरों के हाइड्रोलिक के सहारे से संचालित होता है, जो 5 मीटर की ऊंचाई पर गन्ने को आसानी से लोड कर देता है. इस के मजबूत स्टील फ्रेमों से एक बार में अधिक गन्ने को लादा जा सकता है.

गन्ना लोडर से जहां कटाई के बाद गन्ने की क्षति को कम किया जा सकता है, वहीं 90 फीसदी मानव श्रम में कमी लाते हुए लागत में भी कमी लाई जा सकती है. इस मशीन की बाजार में अनुमानित कीमत 4 लाख रुपए से ले कर 6 लाख रुपए तक है.

गन्ने की खेती में रिजर

यह गन्ने की बोआई में प्रयोग आने वाला एक यंत्र है, जो ट्रैक्टर में कल्टीवेटर की तरह फिट किया जाता है. यह किसी भी सामान्य क्षमता के ट्रैक्टर से जोड़ कर चलाया जा सकता है.

यह मशीन गन्ने की बोआई के लिए निर्धारित दूरी पर नालियां बनाता है. गहराई का निर्धारण ट्रैक्टर चालक द्वारा किया जाता है. इस मशीन में श्रम शक्ति की अधिक आवश्यकता होती है. इस से 8 घंटे में 2 एकड़ खेत की बोआई में 15-20 आदमियों की जरूरत होती है.

इस मशीन से बोआई में पहले गन्ने को टुकड़ों में काटा जाता है. साथ ही, इस की कटाई के बाद टुकड़े की नालियों में रोपाई की जाती है, फिर ऊपर से खाद का बुरकाव किया जाता है. इस के उपरांत इन नालियों को गिरा कर पाटा लगाया जाता है. इस यंत्र से बोआई करने में लागत व श्रम अधिक लगता है. इस यंत्र की अनुमानित कीमत 50,000 रुपए है.

गन्ने की खेती में पावर वीडर

गन्ने की फसल की गुड़ाई व खरपतवार नियंत्रण के लिए प्रयोग किया जाने वाला यह यंत्र मानव श्रम में बचत का अच्छा साधन है. इस यंत्र की कीमत 70,000 से एक लाख रुपए तक है, जो डीजल इंजन से संचालित होता है.

इस यंत्र में 2 हत्थे लगे होते हैं. इस मशीन द्वारा किसान एक दिन में तकरीबन एक एकड़ खेत की गुड़ाई आसानी से कर सकता है.

प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र ने 2 एकड़ खेत में गन्ना बोया है. वे पावर वीडर के द्वारा गन्ने की खेती में गुड़ाई व खरपतवार नियंत्रण के ऊपर होने वाले मानव श्रम के खर्च में 80 फीसदी कमी लाने में सफल रहे हैं.

उन का कहना है कि पावर वीडर से गुड़ाई करने में प्रतिघंटा एक लिटर डीजल की खपत है, जिस पर महज 300 रुपए खर्च होता है और श्रमिकों से गुड़ाई कराने में एक एकड़ में 25 श्रमिकों की जरूरत पड़ती है, जिस पर तकरीबन 10,000 रुपए का खर्चा आता है. इस तरह न केवल किसान मशीनों का प्रयोग कर गन्ने की खेती को आसान बना सकते हैं, बल्कि लाभदायक भी बना सकते हैं.

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सूरत सिंह, श्रीजी हैवी प्रोजैक्ट वर्क्स लि., शुगर केंद्र्र क्राप सोल्यूशन, ए-504, अंधेरीकुर्ला रोड, अंधेरी ईस्ट मुंबई-400049, मोबाइल नंबर  है: 9416853266.

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